नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक छात्रा की याचिका पर दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है. छात्रा ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि उसकी अर्थशास्त्र (ऑनर्स) पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा का परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश दिया जाए.
उसका परीक्षा परिणाम रोक दिया गया है क्योंकि वह कथित तौर पर अपने साथ पेपर का नोट लेकर चली गयी थी. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने विश्वविद्यालय से अन्य तीन परीक्षाओं के परिणाम भी सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा जिसमें छात्रा शामिल हुयी थी. मामले में अगली सुनवाई 11 मई को होगी.
अदालत दौलत राम कॉलेज में स्नातक अंतिम वर्ष की एक छात्रा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. छात्रा ने कहा कि वह सभी परीक्षाओं में शामिल हुयी थी और तीन दिसंबर, 2019 को ‘इंटरनेशनल ट्रेड’ परीक्षा में ट्रैफिक के कारण उसे देर हो गयी और वह गलती से कुछ नोट अपने थैले में लेकर आ गयी.
उसने दावा किया कि जब उसे इसका एहसास हुआ तो वह नोट को सरेंडर करने के लिए परीक्षा निरीक्षक के पास गई, लेकिन उसे परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गयी. जब उसे नयी उत्तर पुस्तिका दी गई, तब तक परीक्षा का समय समाप्त हो चुका था. परीक्षा निरीक्षक का आरोप था कि वह परीक्षा में कदाचार कर रही थी.
उसे पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और उसके बाद 12 मार्च को उसकी पूरी परीक्षा रद्द कर दी गई थी.