गुजरात दंगा मामले में आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) और आरबी श्रीकुमार (RB Sreekumar) को मेट्रोपॉलिटन कोर्ट (Metropolitan court) ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. लोक अभियोजक अमित पटेल ने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों की और रिमांड की मांग नहीं की है. वहीं, कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने को कहा है. गौरतलब है कि गुजरात पुलिस के आतंक निरोधी दस्ते ने तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई से गिरफ्तार किया था. इसके बाद एटीएस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी को सौंप दिया था.
Ahmedabad, Gujarat | Police didn't seek further remand of accused Teesta Setalvad & RB Sreekumar and asked the court to keep them in judicial custody. The Metropolitan court has sent them to 14-day judicial custody: Amit Patel, Public Prosecutor pic.twitter.com/yNYR4wybDQ
— ANI (@ANI) July 2, 2022
कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि पुलिस 6-7 घंटे से अधिक पूछताछ नहीं करती है. यह सिर्फ समय की बर्बादी है. उन्होंने कहा, 6 से अधिक महिला पुलिस अधिकारियों की मुझ पर निगरानी रखने के लिए नियुक्त की गई है. तीस्ता ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपनी सुरक्षा मुहैया को लेकर भी अपील की. उन्होंने काह कि गुजरात दंगे के कई आरोपी जेल में बंद है, जिससे उन्हें जान का खतरा हो सकता है. सरकारी वकील के अनुसार तीस्ता को जेल मैन्युअल के मुताबिक सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है.
बता दें कि गुजरात दंगा मामले में कोर्ट ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है. इसपर जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया था. सुप्रिम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देते हुए गुजरात दंगे में सीतलवाड़ की भूमिका को संदिग्ध माना था. दरअसल कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि वे इस मामले में लगातार घुस रहीं है. वहीं, सीतलवाड़ जाकिया जाफरी की भावनाओं का लगातार इस्तेमाल कर रहीं हैं.
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सीतलवाड़ पर गुलबर्ग सोसायटी को 2002 के दंगा संग्रहालय में बदलने के लिए जुटाई गई राशि में 1.51 करोड रुपये के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए गुलबर्ग सोसायटी कोष में धोखाधड़ी करने का आरोप लगता हुए जांच करने की बात कही थी.