नयी दिल्ली : कंगना और शिवसेना के नेता संजय राउत की लड़ाई अब कोर्ट में है. बांबे हाई कोर्ट में अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनके दफ्तर में हुई तोड़फोड़ के लिए दायर याचिका में संजय राउत को प्रतिवादी बनाया है. कोर्ट ने मंगलवार को पूछा क्या एक सांसद को इस तरह का जवाब देना चाहिए.
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हम याचिकाकर्ता ( कंगना रनौत) द्वारा कहे गये एक भी शब्द सहमत नहीं है लेकिन क्या संजय राउत ने जो कहा वह ठीक है ? क्या यह बात करने का तरीका है. जस्टिस एस जे कठवल्ला और न्यायमूर्ति आरआई चागला की खंडपीठ ने कहा, ”हम भी महाराष्ट्रवासी हैं. हम सभी को महाराष्ट्रवासी होने पर गर्व है लेकिन हम जाकर किसी का घर नहीं तोड़ते. क्या प्रतिक्रया देने का यह तरीका है? क्या आपमें दया नहीं है?”
Also Read: कृषि बिल का विरोध कर रहे लोगों पर पीएम मोदी का निशाना
कोर्ट इस मामले की अंतिम सुनवाई कर रही है जिसमें बीएमसी की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए दो करोड़ के मुआवजे की मांग की गयी है. इस मामले में राउत ने भी अपना पक्ष रखा है, उन्होंने कोर्ट में एक शपथपत्र दायर किया है जिसमें उन्होंने रनौत को धमकी देने के आरोप से इनकार कर दिया है राउत ने कहा, उनके खिलाफ जिस तरह का आरोप लगा है वैसी कोई बात नहीं है.
अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा, राउत के वकील पहले इनकार कर रहे थे कि उन्होंने इंटरव्यू में कंगना के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन राउत ने यह स्वीकाकर किया है कि वह उसी के बारे में बात कर रहे थे.
अपने टरव्यू में राउत ने अभिनेत्री कंगना के संदर्भ में कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्द का उपयोग किया था और कहा था, ”कानून क्या है? उखाड़ देंगे. अदालत ने कहा, आप एक सांसद हैं, क्या आपमें कानून के लिए कोई सम्मान नहीं है. राउत के वकील ने भी माना है कि उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए था लेकिन उन्होंने इस धमकी मानने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने ( राउत ) कंगना को धमकी नहीं दी है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak