कोवैक्सीन-कोविशील्ड का मिक्स डोज कोरोना पर ज्यादा कारगर, ICMR की रिपोर्ट में किया गया दावा
आईसीएमआर के एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मिक्स करने पर कोरोना के खिलाफ बेहतर रिजल्ट मिलते हैं.
नयी दिल्ली : पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) द्वारा उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर में अनजाने में कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों खुराक प्राप्त करने वाले 18 लोगों पर किये गये अध्ययन से पता चलता है कि टीकों का एक संयोजन एक ही टीके की दो खुराक की तुलना में बेहतर इम्युनोजेनेसिटी प्राप्त करता है. अध्ययन आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे द्वारा आयोजित किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गयी है.
भारत में कोविड -19 के खिलाफ टीकाकरण कार्यक्रम इस साल जनवरी में दो टीकों- एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड, जिसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने तैयार किया है और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के साथ शुरू किया गया. दोनों वैक्सीन दो डोज वाली वैक्सीन हैं और अब तक भारत में वैक्सीन को मिक्स करने देने की कोई बात नहीं हुई है.
हालांकि, इस साल मई में यूपी के सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा गलती से कुछ लोगों को दो डोज में अलग-अलग टीके लगा दी गयी. इन लोगों को पहले डोज के रूप में कोविशील्ड दिया गया था, जबकि दूसरा डोज कोवैक्सीन का लगाया गया. एनआईए पुणे द्वारा किये गये एक अध्ययन में कोविशील्ड या कोवैक्सीन प्राप्त करने वालों और एक ही टीका लगाने वालों की तुलना की गयी.
इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि कि दो अलग-अलग वैक्सीन के संयोजन के साथ टीकाकरण- एक एडेनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म-आधारित वैक्सीन (कोविशील्ड) जिसके बाद एक निष्क्रिय संपूर्ण वायरस वैक्सीन (कोवैक्सीन) न केवल सुरक्षित था, बल्कि बेहतर इम्युनोजेनेसिटी भी प्राप्त हुई थी. विदेशों में दो वैक्सीन को मिक्स करके लोगों को लगाया भी जा रहा है.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने 29 जून को वैक्सीन की खुराक मिलाने की सिफारिश की थी. एसईसी ने सिफारिश की है कि क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी), वेल्लोर को कोवैक्सिन और कोविशील्ड के मिश्रण पर नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी जाए.
Posted By: Amlesh Nandan.