नयी दिल्ली: भारत में 107 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाये जाने के बाद स्वदेश में विकसित और निर्मित कोरोना वैक्सीन Covaxin को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने इस पर खुशी जाहिर की है. आईसीएमआर के वैज्ञानिकों और भारत बायोटेक को इसके लिए बधाई दी है.
दिवाली से पहले कंपनी के साथ-साथ इस वैक्सीन की डोज लेने वालों के लिए भी यह बहुत बड़ी खुशखबरी है. कोवैक्सीन की डोज लेने वाले लोग अब दुनिया के किसी भी देश की यात्रा कर सकेंगे. अलग-अलग देशों को इसका निर्यात भी किया जा सकेगा.
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को यह जानकारी दी. वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उसके टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के एक्सपर्ट्स ने बायोटेक की ओर से उपलब्ध कराये गये तमाम दस्तावेजों और एफिकेसी डाटा की जांच करने के बाद इसके आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोवैक्सीन उसकी ओर से तय किये गये तमाम मानकों को पूरा करता है और कोरोना से प्रतिरक्षा देने में सक्षम है. इसलिए पूरी दुनिया में इसके इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है.
अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस टीका को मंजूरी नहीं दी थी. कई मानकों पर परखने के बाद आखिरकार बुधवार (3 नवंबर) को डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन टीका को मान्यता दे दी है. देश में बड़े पैमाने पर लोगों को यह टीका लगाया गया. हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने भारत सरकार की संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर इस टीका को विकसित किया है.
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भारत में जनवरी में इसके आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी गयी थी. तब तक इस वैक्सीन का फेज-3 ह्यूमन ट्रायल पूरा नहीं हुआ था. इसकी एफिकेसी के आंकड़े भी जारी नहीं किये गये थे. बावजूद इसके जब स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी, तो बड़े पैमाने पर नेशनल वैक्सीन कमेटी की आलोचना हुई थी.
Bharat Biotech's Covaxin gets WHO approval for Emergency Use Listing (EUL) pic.twitter.com/zLxcCGYBI2
— ANI (@ANI) November 3, 2021
WHO ने कहा है कि गर्भवती महिलाओं के लिए कोवैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. गर्भवती महिलाओं पर इसके अध्ययन की योजना तैयार की जा रही है. इसमें प्रेग्नेंसी सब-स्टडी और प्रेग्नेंसी रजिस्ट्री शामिल है. वैश्विक संस्था ने कहा है कि स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्युनाइजेशन (SAGE) ने कोवैक्सीन टीका की समीक्षा की गयी.
इधर, भारत बायोटेक ने कहा है कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोविड-19 टीके कोवैक्सीन की उपयोग अवधि (शेल्फ लाइफ) को निर्माण की तारीख से 12 महीने तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत बायोटेक को शुरुआत में कोवैक्सीन की बिक्री और वितरण के लिए छह महीने की उपयोग अवधि की अनुमति दी गयी थी, जिसे बाद में बढ़ाकर नौ महीने कर दिया गया था.
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— Bharat Biotech (@BharatBiotech) November 3, 2021
भारत बायोटेक ने एक ट्वीट में कहा, ‘सीडीएससीओ ने निर्माण की तारीख से 12 महीने तक कोवैक्सीन की उपयोग अवधि के विस्तार को मंजूरी दे दी है. उपयोग अवधि विस्तार की यह मंजूरी अतिरिक्त स्थायी आंकड़े की उपलब्धता पर आधारित है, जिसे सीडीएससीओ को प्रस्तुत किया गया था.’
Posted By: Mithilesh Jha