कोविड-19 और लाॅकडाउन के प्रभाव से 41.4 प्रतिशत भारतीय महिलाएं अनियमित माहवारी की शिकार, ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे का खुलासा
menstrual hygiene day : कोविड 19 के प्रभाव से भारत में 41.4 प्रतिशत महिलाएं अनियमित माहवारी की शिकार हो गयी हैं, जबकि 34.2 प्रतिशत महिलाओं ने माहवारी के प्रवाह में भी अनियमितता देखी, 20 प्रतिशत महिलाओं को कम से कम एक बार माहवारी नहीं हुई. यह आंकड़ा महिलाओं के प्रोडक्ट बनाने वाली अग्रणी भारतीय ब्रांड ऐवरटीन द्वारा मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के अवसर पर जारी किया गया है.
कोविड 19 के प्रभाव से भारत में 41.4 प्रतिशत महिलाएं अनियमित माहवारी की शिकार हो गयी हैं, जबकि 34.2 प्रतिशत महिलाओं ने माहवारी के प्रवाह में भी अनियमितता देखी, 20 प्रतिशत महिलाओं को कम से कम एक बार माहवारी नहीं हुई. यह आंकड़ा महिलाओं के प्रोडक्ट बनाने वाली अग्रणी भारतीय ब्रांड ऐवरटीन द्वारा मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे के अवसर पर जारी किया गया है.
इस सर्वे में दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद व कोलकाता की 18 से 35 वर्ष की लगभग 5000 महिलाओं ने हिस्सा लिया था. ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे का लक्ष्य था महिलाओं के मासिक धर्म में कोविड-19 और लाॅकडाउन के असर को मापा जाये. इस सर्वे में खुलासा हुआ कि 41 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने मासिक धर्म में असामान्य रूप से अनियमित अंतर का अनुभव किया. आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से सिर्फ 13.7 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे कोविड-19 से संक्रमित हुई थीं. 64.5 प्रतिशत महिलाओं ने कहा की कोविड के दौर में वे तनाव और बेचैनी की शिकार हो गयीं थीं.
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सर्वे में भाग लेने वाली 34.2 प्रतिशत यानी एक-तिहाई से ज्यादा महिलाओं ने कहा कि उन्होंने माहवारी के स्राव में भी बदलाव देखा; इसके अलावा 20 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि इस कोरोना काल में कम से कम एक दफा ऐसा हुआ कि उन्हें मासिक धर्म नहीं हुआ. 29.2 प्रतिशत महिलाओं ने दावा किया की महामारी के इस दौर में उनके पीरियड्स सामान्य के मुकाबले ज्यादा पीड़ादायी रहे जबकि 28.8 प्रतिशत महिलाओं ने कहा की माहवारी होने में उन्होंने रक्त में थक्कों की असामान्य मात्रा देखी.
इस वर्ष ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे से एक अन्य अहम जानकारी यह मिली कि भारत में महिलाओं को सैनिटरी उत्पाद आसानी से उपलब्ध कराने के लिए सरकार के दखल की आवश्यकता है. सर्वे में यह पता चला कि हर चार में से एक महिला को लाॅकडाउन के दौरान सैनिटरी प्रोडक्ट्स हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे 2021 के अन्य परिणामों ने दर्शाया है की भारत में 90.9 प्रतिशत महिलाएं अब भी सैनिटरी नैपकीन के इस्तेमाल को तरजीह देती हैं, जबकि 7.3 प्रतिशत महिलाएं मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने लगी हैं और 1 प्रतिशत महिलाएं टैम्पोन का प्रयोग कर रही हैं.