गंभीर कोविड 19 का संक्रमण आपके दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं जिसमें स्ट्रोक और डिमेंशिया जैसी बीमारी के लक्षण भी सामने आ सकते हैं.लैंसेट साइकियाट्री जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार न्यूरोलॉजिस्ट ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कोरोना वायरस सिर्फ श्वसन तंत्र की बीमारियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह दिमाग पर भी असर डालता है.
अब यूके में नया अध्ययन हुआ जिसमें संक्रमण से पहले और बाद की स्थिति में ब्रेन स्कैन किया जिसमें यह पाया गया है कि जो लोग कोविड-19 के संक्रमण से ठीक हो गए हैं, उनमें ग्रे मैटर का काफी नुकसान हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रे पदार्थ के नुकसान से मस्तिष्क को हानि हुई है.
यूके बायोबैंक (यूकेबी), एक डेटा सेंटर है जो आनुवंशिक और स्वास्थ्य जानकारी को एकत्र करता है और उन्हें जोड़ता है. कोविड -19 महामारी की शुरुआत से पहले 40,000 से अधिक लोगों के मस्तिष्क का परीक्षण किया गया. बायोबैंक ने इनमें से सैकड़ों लोगों को 2021 में वहां दोबारा से बुलाया ताकि कोरोना संक्रमण से पहले और बाद की स्थिति का अध्ययन किया जा सके.
यूके के अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि ग्रे पदार्थ के नुकसान से इंसान के मस्तिष्क पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है उसकी सूंघने की, स्वाद लेने की और अन्य तरह से महसूस करने की शक्ति कमजोर हो गयी है और यह सब हुआ है कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रभाव से स्वस्थ होने के बाद भी लोगों में कई अन्य तरह की बीमारियां भी पनप रही हैं. जिनमें ब्लैक फंगस सबसे खतरनाक है जो जानलेवा है. इसके अलावा कई तरह की मानसिक बीमारियां भी लोगों में देखने को मिली हैं जिनमें अवसाद , हाइपर टेंशन और डिप्रेशन प्रमुख है.
Posted By : Rajneesh Anand