नयी दिल्ली : कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालातों के बीच ऑनलाइन लर्निंग छात्रों के लिए शिक्षा से जुड़े रहने का बेहतरीन विकल्प बन कर उभरी है. ऐसे में ट्रेनिंग कंपनियों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में किसी भी विषय का बेहतरीन ज्ञान देनेवाले ऑनलाइन ट्यूटर्स की मांग तेजी से बढ़ रही है. इस डिमांड को पूरा करने के लिए कुछ लोग पार्टटाइम ऑनलाइन टीचिंग करना पसंद कर रहे हैं, तो कुछ ने स्थायी रूप से इस काम को अपना प्रोफेशन बना रहे हैं.
कंपनियां भी अपनी जरूरत के अनुसार ऑनलाइन ट्रेनर्स एवं टीचर्स को घर से काम करने की आजादी दे रही हैं. इसमें समय की कोई भी सीमा नहीं होती है. लोग अपनी सुविधा के अनुसार समय निर्धारित कर सकते हैं. खासतौर से महिलाओं और रिटायर्ड पर्संस के लिए ऑनलाइन टीचिंग अपने करियर को जारी रखने का अच्छा माध्यम बन सकता है.
यदि आप ऑनलाइन टीचिंग को अपनाना चाहते हैं, तो आपको घर बैठे ही इस दिशा में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं. ट्रेनिंग कंपनियों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन टीचर की जॉब पाने के लिए ऑनलाइन ट्यूटोरियल सर्विस सेंटर पर अप्लाई करना पड़ता है. फिर टेलीफोनिक इंटरव्यू और आवश्यकता पड़ने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कंडीडेट का चुनाव किया जाता है.
ज्यादातर कंपनियां ऐसे ट्यूटर्स हायर करती हैं, जो लैंग्वेज स्किल्ड, एक्सेंट एक्सपर्ट और प्रोफेशनल कोर्स के जानकार होते हैं. ऑनलाइन ट्यूटोरियल सर्विस सेंटर स्टूडेंट्स, उनके सिलेबस, टाइमटेबल और कोर्स के अनुसार योग्य ट्यूटर्स का सेलेक्शन करती हैं.
आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र ऑनलाइन ट्यूटर्स की मदद ले रहे हैं. प्राइवेट कंपनियों एवं विभिन्न शिक्षण संस्थानों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन लर्निंग की सुविधा के लिए ट्यूटर्स की मांग होती है. आप अच्छे अनुभव के आधार पर स्वयं का ट्यूशन सेंटर भी खोल सकते हैं. वहीं ऑनलाइन सेमिनार, वर्कशॉप आदि के लिए भी ऐसे प्रोफेशनल्स की अच्छी-खासी मांग है.
आम तौर पर टीचिंग के क्षेत्र में आने के लिए बीएड, एमएड, पीएचडी के साथ टीइटी, नेट आदि परीक्षा पास होने की योग्यता मांगी जाती है. लेकिन, ऑनलाइन ट्यूटर्स या टीचर बनने के लिए आपमें किसी विषय की गहरी जानकारी होनी ही काफी है. साथ ही ऑनलाइन ट्यूटर के पास अपना कंप्यूटर, ब्रॉडबैंड कनेक्शन, माइक्रोफोन, हेडफोन, डिजिटल पेन, कंप्यूटर अटैच इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड या शेयर स्क्रीन और वेब कैमरा वीडियो चैट के लिए होना जरूरी है. आपको छात्रों के करेंट सिलेबस से अप-टू-डेट रहना होगा. हां, यदि आप किसी संस्थान से जुड़ कर ऑनलाइन टीचर बनना चाहते हैं, तो अधिकतर विश्वविद्यालय व संस्थान मास्टर डिग्री एवं पीएचडी की योग्यता रखनेवालों को प्रमुखता देते हैं.
शैक्षणिक योग्यता एवं विषय के ज्ञान के साथ आपको इस माध्यम में पढ़ाई करने के तरीकों को गहराई से समझना होगा.
लाइव वर्चुअल क्लासेज : ऑनलाइन लर्निंग के इस माध्यम में सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के जरिये छात्र व शिक्षक एक-दूसरे से एक ही समय पर कनेक्ट होते हैं. पारंपरिक क्लासरूम की तरह ही शिक्षक लेक्चर देता है और सैटेलाइट वीडियो या इंस्टेंट मैसेजिंग के माध्यम से छात्रों से बातचीत करता है. लाइव वर्चुअल क्लासेस में शिक्षण एक बड़े स्क्रीन पर दिखायी देनेवाले ब्लैकबोर्ड पर लिखकर भी छात्रों को पढ़ा सकता है. उन्हें प्रेजेंटेशन दिखा सकता है. यह प्रक्रिया लगभग टीवी देखने के समान होती है.
रिकॉर्ड लेक्चर्स और एमओओसी (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) : एमओओसी या मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स विश्वविद्यालय स्तर के ऑनलाइन कोर्स हैं. ये विश्वविद्यालय वेब के जरिये छात्रों को असीमित भागीदारी लेने का मौका देते हैं. इन बड़े ओपन ऑनलाइन कोर्स की मदद से छात्र अपने अकादमिक विकास के लिए वेब लेक्चर, ऑनलाइन स्टडी मटीरियल प्राप्त कर सकते हैं.
वन-टू-वन क्लासेज : ऑनलाइन लर्निंग के इस माध्यम से कोई शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से केवल एक छात्र से कनेक्ट होता है. एक ही छात्र पर फोकस होने के कारण छात्र इस प्रक्रिया को काफी पसंद करते हैं, क्योंकि इसके माध्यम से शिक्षक से अपनी स्कूल, कॉलेज या असाइनमेंट की समस्या का समाधान समझ पाना काफी आसान होता है.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.