कोरोना महामारी से त्रस्त भारतीयों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है और वे इसका इलाज कराने के लिए इच्छुक हैं. उक्त जानकारी एक सर्वेक्षण में सामने आयी है. सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है कि 2018 में जहां मानसिक रोग से ग्रस्त 54 प्रतिशत लोग ही इलाज कराने को तैयार थे, वहीं अब 92 प्रतिशत उपचार कराने के लिए सहमत हैं.
बाॅलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण द्वारा स्थापित एक परोपकारी ट्रस्ट, लाइव लाफ फाउंडेशन (एलएलएल) ने यह सर्वेक्षण किया है. इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य 2018 में एलएलएल के पहले अध्ययन के बाद से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार के संबंध में स्थिति परिवर्तन को समझना था.
शोध के लिए एलएलएल ने सत्व कंसल्टिंग को इस साल पांच अगस्त से नौ सितंबर के बीच नौ शहरों बेंगलुरु, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, कानपुर, कोलकाता, मुंबई, पटना और पुणे के 3,497 लोगों के व्यवहार पर सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. शोध में कहा गया, मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उपचार कराने की धारणा को बढ़ावा देने के लिए, सर्वेक्षण में शामिल 92 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इलाज कराएंगे और मानसिक बीमारी के इलाज कराने के इच्छुक लोगों की मदद करेंगे.
वहीं अगर बात 2018 की करें तो हम पाते हैं कि मात्र 54 प्रतिशत लोगों ने ही इसके लिए सहमति जताई थी. एलएलएल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अनीशा पादुकोण ने कहा कि देश में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता आना बेहतर है और इससे मरीज से संवाद कायम करने में आसानी होगी. दीपिका पादुकोण की यह संस्था मानसिक रोगियों के लिए काम करती है और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है.
गौरतलब है कि दीपिका पादुकोण भी मानसिक रोग से ग्रसित थीं. वे काफी लंबे समय तक अवसाद की शिकार रहीं और उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार भी किया है. उन्होंने बताया है कि किस तरह उन्होंने खुद को मानसिक अवसाद से बाहर निकाला और आज वे देश की नंबर वन अभिनेत्रियों में शामिल हैं.