कोरोनावायरस के लगातार बढते मामले को देखते हुए देश की शीर्ष अदालतत ने सोमवार को कई बड़े पहल किए. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पेरोल पर रिहा किए जा सकने वाले कैदियों की श्रेणी निर्धारित करने के लिए उच्च स्तरीय समितियां गठित करने का निर्देश दिया. कोरोना के खतरे के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने के इरादे से कोर्ट ने कहा कि ऐसे कैदियों को पेरोल दिया जा सकता है जिन्हें सात साल तक की सजा हुई है या जिन पर इतनी अवधि की सजा के अपराध के लिये अभियोग निर्धारित हुये हैं. कोर्ट ने कहा कि कैदियों की रिहाई के लिए उच्च स्तरीय समिति राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ विचार-विमर्श कर काम करेगी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होगी.
इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए कोर्ट परिसर में सभी वकीलों के चेंबर अलगे आदेश तक बंद रहेंगे. साथ ही कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी पर अगले आदेश तक रोक रहेगी. केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई होगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनावायरस के संकट के मद्देनजर पिछले दिनों एहतियाती कदम उठाने की बात कही थी.
चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू करने के संकेत दिए थे. सुप्रीम कोर्ट आने वाले वकीलों, पत्रकारों और फरियादियों की थर्मल स्क्रीनिंग पहले ही शुरू की जा चुकी है. वहीं, मुंबई और पटना हाईकोर्ट समेत कई अदालतें सुनवाई का वक्त कम कर चुकी हैं. बता दें कि भारत में कोरोनावायरस के मामले बढ़कर 415 पर पहुंच गए है. 23 राज्यों में ये वायरस अपने पैस पसार रहा है. इस बीच ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन कर दिया गया है. 31 मार्च तक देश के करीब 80 ज़िलों में लॉकडाउन रहेगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र में रविवार को एक-एक मौत हुई जबकि पहले चार अन्य मौत कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब में हुई थीं. वहीं, देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में लॉकडाउन कर दिया गया है.कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जा सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी पार्टियों में इसे लेकर सहमति बन गई है. कुछ देर में इसका ऐलान किया जा सकता है. कोरोना की वजह से पूरे पंजाब में आज से कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. इस दौरान जरूरी सेवाओं में रियायत दी जाएगी.