Coronavirus outbreak : भारत में कोरोना संक्रमितों मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम कोव-इंड-19 का ने दावा किया है कि यदि इसी रफ्तार से वायरस का संक्रमण बढ़ता रहा तो मई के पहले पखवाड़े तक 1 लाख से 13 लाख तक मरीजों की संख्या पहुंच सकती है. अब यदि भारत की तैयारी पर गौर किया जाए तो पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन जारी है जो 14 अप्रैल तक रहेगा. यदि संक्रमण लगातार फैलता गया और संख्या लाखों में पहुंच गयी तो भारत में मौजूदा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल उपकरण की कमी पड़ जाएगी.
यदि नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019 के आंकड़ों की बात करें तो देश में करीब 32 हजार सरकारी, सेना और रेलवे के अस्पताल वर्तमान में मौजूद हैं. इस अस्पतालों में करीब 4 लाख बेड हैं. निजी अस्पतालों की संख्या लगभग 70 हजार हैं. इन सबके अलावा देश में क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर, कम्युनिटी सेंटर भी हैं. सभी की संख्या को यदि जोड़ दिया जाए तो कुल मिलाकर देश में लगभग 10 लाख बेड हैं.
भारत की आबादी सवा अरब है. इस लिहाज से यदि हम देखें तो देश में करीब 1700 लोगों पर एक बेड है. आईसीयू और वेंटिलेटर का हाल भी कुछ ठीक नहीं है. इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर की मानें तो , देश भर में करीब 70 हजार आईसीयू बेड वर्तमान में मौजूद हैं जबकि 40 हजार वेंटिलेटर मरीजों के लिए हैं. जानकारों की मानें तो कोरोना के खिलाफ जंग के लिए भारत को अगले एक महीने के अंदर अतिरिक्त 50 हजार वेंटिलेटर और अस्पतालों में 2 लाख से ज्यादा बेड की आवश्यकता पड़ सकती है. यही नहीं आईसीयू बेड की करीब 70 हजार जरूरत पड़ सकती है. केंद्र सरकार इसपर गौर करके आगे बढ़ चुकी है जिसमें राज्य सरकार भी साथ दे रही है.
आपको बता दें कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और भारत में अब तक 694 संक्रमित हो चुके हैं. इस समय भारत दूसरे चरण में है. भारत में ये संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है. महीने भर से भी कम समय में 3 से बढ़ कर 694 मरीज हो गये. वहीं, कोरोना से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है.