School Reopening Update : स्कूल के आसपास नहीं बिकेंगे चिप्स, कोल्ड-ड्रिंक समेत फास्ट फूड, 46 करोड़ लोगों की नौकरी का अब क्या होगा?
School Reopening Update, covid 19 measures for schools, guidelines, chips cold drink ban : देश भर में स्कूल-कॉलेज फिर से खुलने वाले हैं. ऐसे में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाल ही में एक गाइडलाइन जारी किया है. जिसके अनुसार स्कूली बच्चों को अब चिप्स, बर्गर (chips cold drink ban near school) समेत अन्य प्रोडक्ट की बिक्री नहीं की जायेगी. स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में ऐसे फूड्स की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. कोरोना (Coronavirus) काल में पहले से परेशान व्यापारियों के इससे और बड़ा झटका लगने की उम्मीद है. यही नहीं कई एफएमसीजी कंपनियां (FMCG firms) और विज्ञापनदाताओं के लिए भी बहुत बड़ी खबर है. दरअसल, बच्चे ही ऐसे प्रोडक्ट का सबसे बड़ा बाजार हैं.
School Reopening Update, covid 19 measures for schools, guidelines, chips cold drink ban : देश भर में स्कूल-कॉलेज फिर से खुलने वाले हैं. ऐसे में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाल ही में एक गाइडलाइन जारी किया है. जिसके अनुसार स्कूली बच्चों को अब चिप्स, बर्गर (chips cold drink ban near school) समेत अन्य प्रोडक्ट की बिक्री नहीं की जायेगी. स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में ऐसे फूड्स की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. कोरोना (Coronavirus) काल में पहले से परेशान व्यापारियों के इससे और बड़ा झटका लगने की उम्मीद है. यही नहीं कई एफएमसीजी कंपनियां (FMCG firms) और विज्ञापनदाताओं के लिए भी बहुत बड़ी खबर है. दरअसल, बच्चे ही ऐसे प्रोडक्ट का सबसे बड़ा बाजार हैं.
जैसा कि ज्ञात हो देश भर के विभिन्न राज्यों में 21 सितंबर से स्कूल खुलने वाले हैं. ऐसे में कई सेक्टरों में तेजी आने की उम्मीद थी. लेकिन, एफएसएसएआई की इस नई गाइडलाइन के बाद सभी की चिंताएं बढ़ गयी हैं.
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में आधिकारिक रूप से जारी की गयी इस गाइडलाइन के मुताबिक बिक्री पर प्रतिबंध स्कूल परिसर में या उसके आसपास है. इस दौरान किसी भी तरह के चिप्स, बर्गर जैसे खाद्य पदार्थ स्कूल गेट परिसर के 50 मीटर के दायरे में बेचने वर्जित होगा. रिपोर्ट के मुताबिक इनमें फैट, समेत ज्यादा चीनी या नमक की मात्रा पायी जाती है. जो कोरोना काल में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. यही नहीं जारी दिशानिर्देश के अनुसार ऐसे खाद्य उत्पादों की मार्केटिंग से लेकर विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है.
छोटे और मध्यम व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से इस अधिसूचना को वापस लेने की बात कही है.
सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि इससे इज-ऑफ-डूइंग बिजनेस ध्वस्त हो सकती है. साथ ही साथ इसका असर छोटे और बड़े व्यापारियों पर पड़ेना तय है. वहीं, मनी कंट्रोल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है कि ताकि कोरोना काल में हानिकारक उत्पादों की खपत कम हो पाए. कई अध्ययनों में पाया गया है कि ज्यादा मात्रा में शूगर, फैट और सोडियम बच्चों तक के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती है.
क्या पड़ेगा इसका मार्केट पर प्रभाव
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विज्ञापन के साथ छोटे-बड़े व्यापारियों पर प्रभाव : विज्ञापन कारोबार के साथ-साथ इस प्रतिबंध से सात करोड़ छोटे-बड़े व्यापारियों पर असर पड़ने की संभावना है.
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46 करोड़ लोगों के रोजगार पर प्रभाव : मनी कंट्रोल की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इससे 46 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है. जो देश की अर्थव्यवस्था में अहम रोल निभाती है.
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फूड प्रोडक्टस का विज्ञापन बाजार 7,000 करोड़ का : बच्चों के इन फूड प्रोडक्टस पर विज्ञापन का बाजार भारत में 7,000 करोड़ रुपये का है. जिसपर प्रभाव पड़ना तय है.
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किन प्रोडक्टस पर प्रतिबंध : आलू के चिप्स, कोला, रेडी-टू-ईट फूड, अचार समेत कई कोल्ड-ड्रिंक्स को प्रतिबंध करने का आदेश दिया गया है.
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किस कंपनी पर पड़ेगा असर : इसका सीधा प्रभाव फूड एंड बेवरेज कंपनियों पर पड़ने वाला है. इनमें कोका-कोला, पेप्सिको, नेस्ले, केलॉग, मार्स चॉकलेट, हिंदुस्तान यूनिलीवर और मोंडेलेज जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल हैं.
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.