दुनियाभर में कोहराम मचा चुका कोरोना वायरस आखिर हां से आया, कैसे इसकी शुरुआत हुई इसे लेकर अबतक कई तरह के शोध हो रहे हैं. अब एक नयी शोध सामने आयी है जिसमें कोरोना संक्रमण के लिए पूरी तरह से चीन को जिम्मेदार ठहराया गया है.
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कोरोना संक्रमण के मामले की शुरुआत चीन से हुई और चीन के वुहान लैब पर दुनियाभर की नजर थी कि वायरस की उपत्ति यहीं से हुई होगी. यह शोध दुनिया के इस दावे को और मजबूत करती है. यह शोध बताती है कि कोरोना वायस इसी वुहान लैब में बना था. जब वायरस ने खतरनाक रूप ले लिया था इसे इस तरह दिखाने की कोशिश की गयी जैसे यह चमगादड़ से बना है.
इस संबंध में डेलीमेल में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है. इस पूरे मामले पर शोध किया है ब्रिटिश प्रोफेसर एंगुस और नॉर्वे के वैज्ञानिक डॉ बर्जर ने. दोनों ने अपने शोध में पाया है कि चीन दुनिया से छुपाने के लिए रेट्रो इंजीनियरिंग के पेपर तैयार किये और दुनिया को धोखा दिया.
इस शोध में यह दावा किया गया है कि वैक्सीन बनाने के दौरान वायरस में कुछ वैज्ञानिकों को फिंगरप्रिंट्स दिखे जो लैब में तैयार वायरस के साथ ही संभव हो सकता है. वैज्ञानिकों ने अपने इस शोध को कई जगहों पर भेजा लेकिन उस वक्त लोगों ने यह कहते हुए मना कर दिया की चमगादड़ वाली थ्योरी ज्यादा भरोसेमंद है.
अब दुनिया के कई देश सच्चाई जानना चाहते हैं.अमेरिका ने भी इस पूरे मामले पर जांच की बात कही है. व्हाइट हाउस को एक रिपोर्ट कोरोना संक्रमण के मामले में पहले ही सौंप दी गयी है जिसमें वुहान लैब के कर्मचारियों में साल 2019 में ही आये संक्रमण के मामले की वजह से अस्पताल में भरती कराना पड़ा था.
खबर तो यह भी है कि अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारी भी इस जांच के दायरे में हैं क्योंकि इस शोध के लिए उन्होंने ही आर्थिक मदद की थी. इस नयी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि वायरस प्रकृतिक रूप से नहीं बना है. इसे लैब में तैयार किया गया है. सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों के साथ – साथध विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसकी जांच कर रहा है कि कोरोन संक्रमण के मामलों की शुरुआत कहां से हुई .