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COVID-19: कोरोना केवल लॉकडाउन से नहीं होगा कंट्रोल, यह पहल भी बेहद जरूरी

भारत सहित दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दहशत बढ़ती ही जा रही है. भारत के कई राज्यों सहित कई देशों में लॉकडाउन घोषित है. अभी तक यह वायरस करीब 14 हजार लोगों की जान ले चुका है. इसी बीच डब्लूएचओ (WHO) ने इस घातक वायरस के प्रसार को लेकर बड़ी बात कही है.

भारत सहित दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दहशत बढ़ती ही जा रही है. भारत के कई राज्यों सहित कई देशों में लॉकडाउन घोषित है. अभी तक यह वायरस करीब 14 हजार लोगों की जान ले चुका है. करीब लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं. इस घातक वायरस के कारण भारत में होने वाली मौतों का आंकड़ा सात हो चुका है. 23 मार्च की दोपहर तक 415 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं. कोरोना वायरस से बचने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है. ऐसे में WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) ने इस जानलेवा वायरस से बचने के कई रास्ते बताए हैं. डब्लूएचओ के मुताबिक, कोरोना को हराने के लिए शहरों और देशों को लॉकडाउन करने से ही काम नहीं चलेगा. लॉकडाउन के साथ-साथ जन स्वास्थ्य के पर्याप्त कदम उठाते रहने होंगे नहीं तो यह बीमारी फिर से पैर पसार सकती है.

डब्लूएचओ के इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन ने बीबीसी को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि कोरोना से फैली बीमारी से निपटने के लिए कोई भी देश सिर्फ लॉकडाउन के भरोसे नहीं रह सकते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, माइक रायन ने कहा, हमें अभी इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि जो बीमार हैं, जो इस वायरस से ग्रसित हैं, उन्हें आइसोलेट किया जाना चाहिए. वो लोग किनके संपर्क में आए थे, उनका पता लगाना चाहिए और उन्हें भी आइसोलेट करना चाहिए. अगर हम सख्त तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को नहीं अपनाते हैं, तो लॉकडाउन के साथ भी खतरा बरकरार है. जब लॉकडाउन या अन्य पाबंदियां हटेंगी तो यह बीमारी फिर से लोगों को अपना शिकार बनाएगी.’

माइक रायन ने इसके लिए चीन, सिंगापुर और साउथ कोरिया का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि इन देशों ने सख्ती के साथ बचाव उपाय किए और हर संदिग्ध की जांच की. एक बार जब इसे फैलने से रोक दिया जाए तो इसके बाद भी इसकी समीक्षा करनी होगी. अगर अभी हम बीमार और संक्रमित लोगों का पता कर उनका इलाज शुरू नहीं करते तो लाकडाउन हटने की स्थिति में इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की संख्या एकदम से बढ़ सकती है. आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ) भी पहले ही आगाह कर चुका है.

देश के कई शहरों में लॉकडाउन

बताते चलें कि भारत में अभी तक राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, केरल, जम्‍मू-कश्‍मीर, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, गुजरात, छत्‍तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और नगालैंड में लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इनमें से कई राज्‍यों में पूरे सूबे में लॉकडाउन की घोषणा की गई है, जबकि कुछ में कुछ जिलों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. राज्य सरकारों ने इसको लेकर गाइडलाइन भी बनाई है. सभी राज्यों में यह 31 मार्च तक प्रभावी रहेगा.

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