Corona Vaccine : कोरोना वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ का 5000 लोगों पर होगा सबसे बड़ा ट्रायल

COVID-19 pandemic, biggest trial of corona vaccine, start with 5000 people, mumbai and pune : कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से हमारे देश में पांव पसार रहा है. कोविड - 19 के संक्रमण के बीच वैक्सीन को लेकर भी काम तेज कर दिया गया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि बहुत जल्द कोरोना वैक्सीन तैयार कर लिया जाएगा. इसपर तेजी से काम भी जारी है. इंसानों पर पहला ट्रायल भी अच्छा रहा और सुरक्षित भी. इसके साथ ही दूसरे ट्रायल ही भी मंजूरी मिल चुकी है. इधर देश में भी 7 दवा कंपनी कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2020 9:55 PM

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से हमारे देश में पांव पसार रहा है. कोविड – 19 के संक्रमण के बीच वैक्सीन को लेकर भी काम तेज कर दिया गया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि बहुत जल्द कोरोना वैक्सीन तैयार कर लिया जाएगा. इसपर तेजी से काम भी जारी है. इंसानों पर पहला ट्रायल भी अच्छा रहा और सुरक्षित भी. इसके साथ ही दूसरे ट्रायल ही भी मंजूरी मिल चुकी है. इधर देश में भी 7 दवा कंपनी कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटी हैं.

इस बीच खबर हा रही है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ का भारत में जल्द ही ट्रायल शुरू होने वाला है. बताया जा रहा है कि अगस्त के आखिर में इस वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू किया जाएगा और इसको लेकर तैयारी भी तेजी से चल रही है. खबर ये भी है कि मानव परीक्षण के लिए मुंबई और पुणे के हॉटस्पॉट से 4,000 से 5,000 वॉलनटिअर्स का चुनाव किया जाएगा.

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि वह इस साल अक्टूर-नवंबर तक कोविड-19 का टीका (वैक्सीन) बना लेगी. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने बुधवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक में यह जानकारी दी.

सीरम इंस्टिट्यूट मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माता कंपनी है. सीरम इंस्टिट्यूट ने बायोफार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ प्रयोग के आधार पर कोविड-19 वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ के विनिर्माण के लिए भागीदारी की है. इसका विकास ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने किया है. इसके अलावा कंपनी को भारतीय औषध महानिदेशक (डीसीजीआई) से अपनी खुद की न्यूमोकोकल वैक्सीन के विकास की अनुमति मिली है. पटनायक के साथ बैठक में पूनावाला ने उम्मीद जताई कि कोविड-19 का टीका अक्टूबर-नवंबर तक तैयार हो सकता है.

उन्होंने कहा कि भारत में अगले चरण का परीक्षण अगस्त के मध्य में शुरू हो सकता है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पूनावाला ने बताया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के टीके ने पहले चरण के परीक्षण में उत्साहवर्धक नतीजे दिए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी वीडिया क्लिप में पूनावाला ने कहा, भारत में अगले चरण का परीक्षण अगस्त के मध्य में शुरू होगा और टीका अक्टूबर-नवंबर तक तैयार हो जाएगा.

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पूनावाला ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया तथा राज्य सरकार एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगी और जब यह टीका तैयारी हो जाएगा तो अपने सहयोग को आगे बढ़ाएंगी. इससे पहले पूनावाला ने बताया था कि दिसंबर में देश में कोरोना वैक्सीन के करीब 30 से 40 करोड़ डोज तैयार कर लिये जाएंगे. उन्होंने ये भी बताया था कि भारत में कोरोना वैक्सीन की कीमत 1000 रुपये होगी.

दूसरी ओर एम्स-दिल्ली ने देश में विकसित कोविड-19 के टीके ‘कोवैक्सीन’ के मानव परीक्षण के लिए स्वयंसेवियों की भर्ती शुरू कर दी है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के सामुदायिक प्रसार को लेकर कोई अधिक साक्ष्य नहीं हैं. एम्स-दिल्ली उन 12 स्थलों में शामिल है जिन्हें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ‘कोवैक्सीन’ के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण के लिए चुना है.

गुलेरिया ने कहा कि पहले चरण में 375 स्वयंसेवियों पर टीके का परीक्षण किया जाएगा जिनमें से सर्वाधिक 100 एम्स से होंगे. दूसरे चरण में, सभी 12 स्थलों से लगभग 750 स्वयंसेवी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि पहले चरण का परीक्षण 18 से 55 साल की उम्र तक के स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा जिन्हें कोई सहरुग्णता न हो. परीक्षण के पहले चरण में ऐसी महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा जो गर्भवती न हों.

गुलेरिया ने कहा कि दूसरे चरण में 750 लोगों को शामिल किया जाएगा जिनकी उम्र 12 से 65 साल के बीच होगी. उन्होंने बताया कि एम्स में परीक्षण के लिए पहले ही लगभग 1,800 लोग अपना पंजीकरण करा चुके हैं.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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