Lockdown 3.0 : छात्रों से किराया नहीं लेने और श्रमिकों से मकान खाली नहीं कराने वाली याचिका को SC ने किया खारिज
उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों से किराया नहीं मांगने और श्रमिकों से मकान खाली नहीं कराने का मकान मालिकों को निर्देश संबंधी गृह मंत्रालय के आदेश पर अमल के लिये दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों से किराया नहीं मांगने और श्रमिकों से मकान खाली नहीं कराने का मकान मालिकों को निर्देश संबंधी गृह मंत्रालय के आदेश पर अमल के लिये दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये कहा कि स्थिति की निगरानी के लिये पहले से ही हेल्पलाइन है और कोई भी प्रभावित व्यक्ति इसके जरिये प्राधिकारियों से संपर्क कर सकता है.
यह याचिका अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक और ए के पाण्डे ने दायर की थी. इसमें छात्रों और मजदूरों से कोविड-19 के दौरान जबरन किराया मांगने वाले मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था.
याचिका में गृह मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश पर अमल कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था. इस आदेश के तहत मकान मालिकों को छात्रों, श्रमिकों और प्रवासी कामगारों से एक महीने तक किराया नहीं मांगने का निर्देश दिया गया था.
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आदेश में कहा गया था कि जो मकान मालिक अपने किरायेदारों को मकान खाली करने के लिये बाध्य करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि गृह मंत्रालय के आदेश के बावजूद अनेक मकान मालिकों ने छात्रों और श्रमिकों को पूरा किराया देने के लिये मजबूर किया है और ऐसा नहीं करने वाले किरायेदारों से मकान खाली कराये हैं.
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