नयी दिल्ली : आईआईटी, दिल्ली के एक अनुसंधान में पता चला है कि कोविड-19 के उपचार के लिए क्लिनिकल रूप से स्वीकृत दवा टीकोप्लेनिन’ एक प्रभावी विकल्प हो सकती है और इस समय इस्तेमाल की जा रही अन्य अनेक दवाओं से दस गुना तक अधिक असरदार हो सकती है. संस्थान के कुसुमा स्कूल ऑफ बायलॉजिकल साइंस के अनुसंधान में 23 स्वीकृत दवाओं के संयोजन का अध्ययन किया गया.
इसमें कोरोना वायरस के उपचार विकल्प होने के संकेत मिले. आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर अशोक पटेल ने कहा, ‘टीकोप्लेनिन की तुलना जब इस्तेमाल में लाई जा रही अन्य महत्वपूर्ण दवाओं से की गई तो हमारी प्रयोगशाला की परिस्थितियों में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ लोपिनाविर और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाओं के तुलना में टीकोप्लेनिन 10 से 20 गुना अधिक प्रभावी पाई गई.’
अनुसंधान में पटेल को एम्स के डॉ प्रदीप शर्मा की भी मदद मिली. इसका प्रकाशन ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायलॉजिकल मैक्रोमॉलिक्यूल्स’ में भी किया गया है. टीकोप्लेनिन एफडीए से स्वीकृत ग्लाइकोपेप्टाइड एंटीबायोटिक है जिसका उपयोग निम्न विषाक्तता वाले ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है.
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पटेल ने कहा, ‘हाल ही में रोम की सैपियेंजा यूनिवर्सिटी में टीकोप्लेनिन के साथ एक क्लिनिकल अध्ययन किया गया. बहरहाल, कोविड-19 के उपचार के लिए टीकोप्लेनिन की निश्चित भूमिका का पता लगाने के लिए मामूली, मध्यम और गंभीर स्तर के रोगियों के एक बड़े वर्ग पर विस्तृत क्लिनिकल जांच जरूरी है.’
Posted By: Amlesh Nandan.