COVID-19 vaccine: देश में बनेगी ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन, अगस्त के अंत तक उत्पादन शुरू
COVID-19 vaccine, corona vaccine: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान दुनिया की बस एक उम्मीद थी, ये खत्म कब होगा. 75 साल बाद वैसा ही मंजर फिर दिखा है जब सभी कोरोना वायरस के अंत की आस लगाए बैठे हैं. दुनिया भर में डेढ़ करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले हैं और छह लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से 13 लाख से अधिक मामले तो भारत में ही हैं.
COVID-19 vaccine, corona vaccine: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान दुनिया की बस एक उम्मीद थी, ये खत्म कब होगा. 75 साल बाद वैसा ही मंजर फिर दिखा है जब सभी कोरोना वायरस के अंत की आस लगाए बैठे हैं. दुनिया भर में डेढ़ करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले हैं और छह लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से 13 लाख से अधिक मामले तो भारत में ही हैं. ज़ाहिर है, सबकी निगाहें कोरोना वायरस की वैक्सीन पर हैं जिसे भारत समेत कई देश बनाने की कोशिश में हैं.
कोरोना वैक्सीन तैयार करने की रेस में कई देश शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन्स के जब बड़े स्तर पर उत्पादन की बात आएगी तो सभी को भारत का सहयोग चाहिए होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के अलावा और कोई बड़ा दावेदार देश अभी तक वैक्सीन उत्पादन की रेस में नहीं है. क्योंकि वैक्सीन के मास प्रोडक्शन (ज्यादा मात्रा में उत्पादन) का अनुभव केवल भारत के पास है. सब कुछ प्लान के अनुसार रहा तो अगस्त के अंतिम सप्ताह तक भारत में कोरोना की एक करोड़ से अधिक वैक्सीन का उत्पादन कर दिया जाएगा.
यह वैक्सीन ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ने ऑक्सफोर्ड द्वारा तैयार की गई कोरोना वैक्सीन के उत्पादन की प्लानिंग शुरू कर दी है. सीरम इंस्टिट्यूट इस वैक्सीन की 20 से 30 लाख डोज अगस्त महीने के आखिर तक बनाकर तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई इस कोरोना वैक्सीन का नाम ChAdOx1 nCoV-19 है. यह अभी तक अपने सभी परीक्षणों में अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरी उतरी है. साथ ही ह्यूमन ट्रायल के दौरान इसका किसी भी तरह का बुरा असर शरीर पर देखने को नहीं मिला है. अभी तक दुनिया की जितनी भी कोरोना वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल तक पहुंची हैं, उनमें इस वैक्सीन के सबसे पहले मार्केट में आने के कयास लगाए जा रहे हैं.
दुनिया की अग्रणी वैक्सीन निर्माता कंपनियों में शामिल भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, भारत में भी इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए कंपनी भारतीय औषधि महानियंत्रक को आवेदन करेगी.हाल ही में मेडिकल जर्नल लांसेट मेडिकल जर्नल में वैक्सीन के ट्रायल के परिणाम प्रकाशित हुए हैं. इसमें कहा गया है कि वैक्सीन के ट्रायल के दौरान अच्छी प्रतिक्रिया मिली और यह किसी भी गंभीर साइड इफेक्ट का संकेत नहीं दे रहा है.
वैक्सीन से एंटीबॉडी और टी सेल्स बन रही है, जो कोरोना से लड़ने में कारगर है.ऑक्सफोर्ड द्वारा तैयार की गई इस वैक्सीन को ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनका सहयोग कर रही है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट के साथ इसी कंपनी का एग्रीमेंट हुआ है. जिसके तहत सीरम इंस्टीट्यूट को अगस्त के आखिरी सप्ताह तक इस कंपनी को वैक्सीन तैयार करके देनी होंगी.
Posted By: Utpal kant