Covid 4th Wave in India: देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से दर्ज हो रही वृद्धि के बीच कोराना की चौथी लहर आने की चर्चा भी तेज हो गई है. बता दें कि देश में नए मामलों में लगातार ग्यारह सप्ताह की गिरावट के बाद एक बार फिर से वृद्धि जारी है. अप्रैल की शुरुआत में कोरोना के सक्रिय केस जहां ग्यारह हजार थे, वो बढ़कर अब 16 हजार के पार पहुंच गए हैं.
इन सबके बीच, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने मंगलवार को कहा कि विशेषज्ञों ने अनुमान व्यक्त किया है कि कोरोना वायरस की चौथी लहर जून के बाद चरम पर पहुंच सकती है. जिसका असर अक्तूबर तक रहने की आशंका है. के सुधाकर ने कोरोना के साथ जीना सीखने पर जोर देते हुए कहा कि कोविड वैक्सीनेशन और मास्क जैसे एहतियाती उपायों का लगातार पालन जरूरी है. इस सवाल पर कि क्या कर्नाटक में चौथी लहर है, स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि यहां अन्य प्रदेशों के मुकाबले मामले बहुत कम हैं, ऐसे में फिलहाल यहां ऐसा कहना ठीक नहीं है.
एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है कि कोरोना वायरस रोधी टीके की बूस्टर खुराक लेने वाले 70 फीसदी लोग इस महामारी की तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की चपेट में नहीं आए. यह अध्ययन भारत में लगभग 6000 लोगों पर किया गया है. कोरोना वायरस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राष्ट्रीय टास्क फोर्स के को चेयरमैन डॉ. राजीव जयदेवन के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि तीसरी लहर में ऐसे 45 फीसदी लोग संक्रमित हुए जिन्होंने टीके की दो खुराकें तो ली थीं, लेकिन बूस्टर खुराक नहीं ली थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यह अध्ययन टीकाकरण करवा चुके 5971 लोगों पर किया गया है. इनमें से 24 फीसदी लोगों की उम्र 40 वर्ष से कम थी और 50 फीसदी लोग 40 से 59 वर्ष आयु वर्ग के थे. सर्वे में शामिल होने वाले कुल लोगों में 45 फीसदी महिलाएं रहीं और 53 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी थे. रिपोर्ट के अनुसार इन 5971 लोगों में से 2383 लोगों ने कोरोना रोधी टीके की बूस्टर खुराक ली थी. इनमें से 30 फीसदी लोग कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की चपेट में आए थे.
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