दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर, कोविड से हुई मौतों के चरम को लेकर जानें क्या है विशेषज्ञों की राय
Covid 3rd Wave In Delhi दिल्ली ने भले ही कोरोना के दैनिक संक्रमण के मामलों ने चरम को पार कर लिया हो, लेकिन आम तौर पर कोविड मामलों के चरम के एक सप्ताह बाद होने वाली मौतों का पीक अभी तक सामने नहीं आया है.
Covid 3rd Wave देश की राजधानी दिल्ली ने भले ही कोरोना के दैनिक संक्रमण के मामलों ने चरम को पार कर लिया हो, लेकिन आम तौर पर कोविड मामलों के चरम के एक सप्ताह बाद होने वाली मौतों का पीक अभी तक सामने नहीं आया है. दिल्ली सरकार के मंत्रियों और विशेषज्ञों ने कहा है कि दिल्ली में कोविड महामारी की तीसरी लहर चरम पर है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में दैनिक पॉजिटिव केसों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है. 13 जनवरी को दिल्ली ने 28,000 से अधिक मामलों की सूचना को चरम माना जाता है.
जानें डॉक्टरों ने क्या कहा…
हालांकि, डॉक्टरों का मानना है कि आंकड़ों पर गौर करें, तो यह मृत्यु दर का चरम है. यह आम तौर पर दैनिक मामलों के चरम पर पहुंचने के एक या दो सप्ताह बाद होता है. दिल्ली में दैनिक मामलों में सबसे तेज चरम के बाद मृत्यु में वृद्धि ओमिक्रॉन के कारण जारी लहर की विशेषता रही है. गुरुवार को दिल्ली में 43 मौतें हुईं, जो 10 जून के बाद से शहर में सबसे अधिक मौतें थीं.
कोविड से हुई मौतों को लेकर सामने आई ये बात
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित संस्थान के एक डॉक्टर ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि कोई भी कोविड मरीज जो सकारात्मक परीक्षण के बाद भर्ती हुआ है, उसकी स्थिति अगले एक या दो सप्ताह में बिगड़ने के बाद आम तौर पर मौत हो जाती है और इसलिए मृत्यु दर बाद में चरम पर पहुंच जाएगी. बता दें कि दिल्ली में जनवरी में अब तक लगभग 400 लोगों की मौत हुई है, लेकिन इनमें से अधिकांश का कारण सहरुग्णता है, ना कि ओमिक्रॉन वेरिएंट.
दिल्ली में नाइट कर्फ्यू हटाने का भेजा गया प्रस्ताव
अपोलो अस्पताल के एक वरिष्ठ सलाहकार डॉ सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि उस सप्ताह के रिकॉर्ड उछाल के बाद जिसे एक चरम के रूप में देखा जा रहा है, मामलों में कमी आई है. यहां तक कि रोगियों से चिकित्सा परामर्श के लिए मुझे कॉल करने की संख्या भी पिछले कुछ दिनों में बहुत कम हो गई है, जो स्थिति का संकेत है. वहीं, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल को सप्ताहांत कर्फ्यू हटाने का प्रस्ताव भेजा, जिसे खारिज कर दिया गया है. हालांकि, बैजल ने निजी कार्यालयों को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति देने के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.