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फाइजर भारत को 2021 तक 5 करोड़ डोज देने को तैयार, जानें किस वजह से हो रही है देरी

Pfizer Vaccines In India अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर भारत को इस साल यानी 2021 में पांच करोड़ वैक्सीन की डोज को देने तैयार है. हालांकि, इसके बदले में कंपनी कुछ रियायतें चाहती है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि फाइजर साल 2021 में ही वैक्सीन की 5 करोड़ डोज देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए कंपनी क्षतिपूर्ति के साथ ही महत्वपूर्ण नियामक छूट चाहती है. पीटीआई के मुताबिक, एक अन्य अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना अपनी अपनी सिंगल डोज वैक्सीन अगले साल तक भारत में लॉन्च कर सकती है.

Pfizer Vaccines In India अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर भारत को इस साल यानी 2021 में पांच करोड़ वैक्सीन की डोज को देने तैयार है. हालांकि, इसके बदले में कंपनी कुछ रियायतें चाहती है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि फाइजर साल 2021 में ही वैक्सीन की 5 करोड़ डोज देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए कंपनी क्षतिपूर्ति के साथ ही महत्वपूर्ण नियामक छूट चाहती है. पीटीआई के मुताबिक, एक अन्य अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना अपनी अपनी सिंगल डोज वैक्सीन अगले साल तक भारत में लॉन्च कर सकती है.

जानकारी के मुताबिक, फाइजर जुलाई से वैक्सीन की सप्लाई को तैयार है. फाइजर वैक्सीन की एक करोड़ डोज जुलाई, एक करोड़ डोज अगस्त, सितंबर में दो करोड़ और अक्टूबर में एक करोड़ डोज देने को तैयार है. फाइजर ने साथ ही यह भी कहा है कि वह इसके लिए भारत सरकार के साथ ही डील करेगी और कंपनी पेमेंट भी भारत सरकार से ही लेगी. मिल रही जानकारी के मुबातिक, अमेरिकी फार्मा कंपनी वैक्सीन की आपूर्ति के लिए प्रीऑर्डर और एडवांस पेमेंट की भी मांग कर रही है. जानकारी के मुताबिक, फाइजर दुनिया के अन्य देशों को भी इसी शर्त पर कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति कर रही है.

बता दें कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है और संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है. गौरतलब है कि इस समय भारत में स्वदेश निर्मित दो वैक्सीन- कोविशील्ड और कोवैक्सीन से ही टीकाकरण किया जा रहा है. इसके साथ ही भारत में स्पूतनिक-वी का इस्तेमाल किया जा रहा है. पीटीआई के मुताबिक एक अन्य अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना अपनी सिंगल डोज वैक्सीन अगले साल तक भारत में लॉन्च कर सकती है. मॉडर्ना इसके लिए सिप्ला और अन्य फार्मा कंपनियों के संपर्क में है.

सूत्रों की मानें तो मॉडर्ना ने भारतीय अधिकारियों जानकारी दी है कि उसके पास इस साल सरप्लस वैक्सीन नहीं है. कंपनी इस साल भारत को वैक्सीन नहीं दे पाएगी. सिप्ला अगले साल के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन के पांच करोड़ डोज का उत्पादन करने के लिए तैयार है. कंपनी इसके लिए सरकार से अनुमति मांगी है. सिप्ला के आवेदन पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी जल्द निर्णय लेने के लिए कहा है.

उधर, रॉयटर्स के मुताबिक, भारत सरकार और फाइजर-बायोएनटेक के बीच वैक्सीन की डील को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. कंपनी ने भी एक बयान जारी कर बताया था कि भारत के साथ वैक्सीन को लेकर बातचीत चल रही है और इसके नतीजे जल्द ही सामने होंगे. मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि फाइजर-बायोएनटेक ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई सरकारों से कानूनी सुरक्षा का भरोसा मांगा है. अब फाइजर यही मांग भारत में कर रही है. कंपनी यह चाहती है कि फाइजर की वैक्सीन लगने के बाद किसी भी प्रकार का कोई कानूनी पेंच फंसता है तो इसके लिए कंपनी जवाबदेह नहीं होगी. केंद्र सरकार को इसके लिए आगे आना होगा.

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