COVID-19: कोरोना वायरस के प्रकोप ने कई लोगों के हेल्थ के साथ-साथ पर्सनल फाइनेंस को भी प्रभावित किया है. कुछ लोगों को महामारी के बीच गंभीर नकदी संकट का सामना भी करना पड़ा. ऐसे में कोविड-19 संकट ने कई लोगों को वित्तीय मदद के लिए अपने रिश्तेदारों या दोस्तों की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया है. अब ऐसे लोगों के लिए आयकर विभाग की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया है.
कोरोना महामारी के दौरान अगर आपने भी अपने या परिवार के किसी अन्य सदस्य के कोविड-19 के इलाज के लिए किसी दोस्त या रिश्तेदार से उधार लिया है तो आपको उसकी घोषणा करनी होगी. इसके लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने एक नोटिफिकेशन के साथ एक फॉर्म (Form 1) जारी किया है. सीबीडीटी का कहना है कि उधार देने वाले का नाम, इलाज पर कितना खर्च आया और दूसरी जरूरी बातें इस फॉर्म में भरनी होगी. यह फॉर्म असेसमेंट ईयर 2020-21 और बाद के वर्षों के लिए है. इसे 2020 से लागू किया गया है. ध्यान रखें, सभी असेसमेंट ईयर के फॉर्म को आयकर विभाग को भरकर भेजने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2022 है. इस बात का भी ख्याल रहे कि इलाज का पूरा रिकॉर्ड आयकर दाता को सुरक्षित रखना होगा.
उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में सरकार ने मई, 2021 में लोगों को कोविड के इलाज के लिए 2 लाख रुपए से ज्यादा का भी नकद पेमेंट करने की छूट दी थी. इसके लिए अस्पतालों और अन्य मेडिकल सेंटरों को आयकर कानून की धारा-269ST के तहत छूट मिली थी. सरकार ने अस्पतालों को जब दो लाख से ज्यादा का कैश पेमेंट लेने की छूट दी तो ये काफी राहत भरा फैसला रहा था. क्योंकि, इससे उन लोगों को सहूलियत मिली जिनके पास अस्पताल को देने के लिए नकद पैसे ही थे. इनमें से कई ने ये पैसे अपनी जमा पूंजी बेचकर जुटाए या कोरोना के इलाज के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार लिया था.
अगर आप किसी रिश्तेदार या दोस्त से 20 हजार रुपए से अधिक की राशि उधार ले रहे हैं, तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि इसे पेयी चेक या बैंक ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. इसका मतलब है कि 20 हजार रुपए या उससे अधिक का उधार, नकद में या बियरर चेक के जरिए नहीं होना चाहिए. ध्यान रहें, उधार की रकम लौटाते समय भी यह नियम लागू होगा. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 269T के तहत 20 हजार रुपए से ज्यादा का लेन-देन चेक, इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम के जरिए होना चाहिए. इस नियम का उल्लंघन करने पर शामिल राशि का 100 फीसदी तक जुर्माना लगता है.
Also Read: Cabinet Decisions: किसानों को 3 लाख तक के लोन पर 1.5 फीसदी की छूट, केंद्रीय कैबिनेट का बड़ा फैसला