नयी दिल्ली : गुरुवार को भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के 9,996 नये मामले सामने आने के बाद देशभर में सक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,86,579 हो गयी है. इसके साथ ही भारत ने स्पेन और यूके को पीछे छोड़ दिया है. विश्व में सबसे अधिक कोरोनावायरस संक्रमण के मामले में भारत दो पायदान ऊपर आ गया है. कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित देशों की सूची में भारत चौथे नंबर पर पहुंच गया है.
कोरोनावायरस संक्रमण में भारत से आगे तीन देश अमेरिका, ब्राजील और रूस हैं. ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका में संक्रमितों का आंकड़ा 20,70,961 है. वहीं ब्राजील में संक्रमितों की संख्या 7,75,581 और रूस में 5,02,436 संक्रमण के मामले हैं. पिछले 24 घंटे की बात करें तो भारत में सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं. एक दिन में रूस में 8,779 नये मामले सामने आये हैं तो ब्राजील में सबसे मात्र 397 नये मामले मिले हैं.
अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 4,560 नये कोरोनावायरस के मामले पाये गये हैं. भारत की बात करें तो गुरुवार को कोविड-19 के संक्रमण से 357 मरीजों की मौत हुई और संक्रमण के 9,996 नये मामले सामने आये. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से किसी एक दिन में होने वाली मौत का यह सर्वाधिक आंकड़ा है. इसके साथ ही, देश में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 8,102 हो गयी है. जबकि संक्रमण के मामले बढ़कर 2,86,579 हो गये हैं.
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि भारत निश्चित रूप से कोविड-19 प्रसार के ‘सामुदायिक स्तर पर संक्रमण’ के चरण में नहीं है. वहीं, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार पर भारत के प्रथम ‘सीरो-सर्वेक्षण’ में यह पाया गया है कि लॉकडाउन और निरुद्ध क्षेत्र घोषित करने के उपाय संक्रमण की तीव्र वृद्धि रोकने में सफल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में आबादी के इसकी चपेट में आने को लेकर अब भी खतरा है। भार्गव ने कहा कि सीरो-सर्वेक्षण के दो हिस्से हैं, प्रथम हिस्से में ‘सार्स-कोवी-2′ से संक्रमित सामान्य आबादी के हिस्से का अनुमान लगाया गया है. वहीं, दूसरे हिस्से में आबादी के उस हिस्से को रखा गया है, जो निरुद्ध क्षेत्रों या संक्रमण के अधिक मामलों वाले शहरों में संक्रमित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण का पहला हिस्सा पूरा हो गया है जबकि दूसरा जारी है. यह सर्वेक्षण आईसीएमआर ने राज्य स्वास्थ्य विभागों, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ समन्वय कर मार्च में शुरू किया था. भार्गव ने कहा कि अध्ययन में कुल 83 जिलों और 26,400 लोगों को शामिल किया गया. देश में 25 अप्रैल को कोविड-19 के सामने आये मामलों के आधार पर इन जिलों का चयन किया गया.
उन्होंने सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए कहा, ‘लॉकडाउन लागू किये जाने और संक्रमण वाले स्थानों को निरुद्ध क्षेत्र घोषित करने के उपाय संक्रमण को कम रखे हुए हैं और ये उपाय इसे तेजी से फैलने से रोक रहे हैं.’ भार्गव ने कहा कि हालांकि, इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में आबादी के इसकी चपेट में आने को लेकर अब भी खतरा है और ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में (1.09 गुना) और शहरी झुग्गी बस्तियों में (1.89 गुना) खतरा अधिक है. इसमें पाया गया कि संक्रमण से होने वाली मौत की दर बहुत कम 0.08 प्रतिशत है और निरुद्ध क्षेत्रों में संक्रमण अलग-अलग दर के साथ अधिक है. हालांकि, सर्वेक्षण अभी जारी है.
रूस में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,779 नये मामले सामने आने के बाद बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के कुल मामले 5,00,000 के पार चला गया है. देश में वर्तमान में संक्रमण के कुल पुष्ट मामले 5,02,436 हैं, जिनमें से 6,532 लोगों की मौत हो गयी है. रूस और विदेशों में विशेषज्ञों ने देश में संक्रमण के कारण मरने वाले लोगों की कम संख्या पर संदेह व्यक्त किया है.
कुछ लोगों ने आरोप लगाये हैं कि राजनीतिक कारणों से संख्या में फेरबदल किया गया है. रूस सरकार ने इन आरोपों से बार-बार इनकार किया है. पिछले महीने से लगभग हर दिन 9,000 नये मामले सामने आ रहे हैं, इसके बावजूद रूसी अधिकारियों ने मॉस्को सहित कई क्षेत्रों में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देनी शुरू कर दी है. देश में संक्रमण के कुल मामलों में करीब 40 प्रतिशत मामले अकेले मॉस्को में हैं और देश में हुई कुल मौतों में से करीब आधी मौतें यहीं हुई हैं.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.