COVID19 Bacteria or Virus: दो साल से दुनिया भर के वैज्ञानिक वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus Pandemic) और उसके खात्मे पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं. मेन स्ट्रीम मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया (Social Media) पर भी इससे जुड़ी जानकारियां साझा हो रही हैं. लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर अभी एक सूचना तेजी से वायरल है. इस वायरल मैसेज (Viral Message) में कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस यानी कोविड19 (Covid19) एक बैक्टीरिया है. इसे साधारण दवा से ठीक किया जा सकता है.
व्हाट्सऐप में वायरल मैसेज में कहा जा रहा है कि कोविड19 के बैक्टीरिया को थक्कारोधी दवा (Anticoagulants Medicine) एस्पिरिन (Aspirin) देकर ही ठीक किया जा सकता है. इसमें कहा जा रहा है कि सिंगापुर दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने कोविड19 की ऑटोप्सी (पोस्टमॉर्टम) की है. इसी दौरान पता चला कि कोविड19 कोई वायरस (Covid19 is not a virus) नहीं, बल्कि एक बैक्टीरिया (Covid19 is a Bacteria) है, जो मान शरीर में खून के थक्के (Blood Clot) बना देता है.
वायरल मैसेज में आगे कहा गया है कि कोविड19 से यदि आप संक्रमित हो गये, तो यह आपके अंदर जाकर खून को जमा देता है. यानी उसके थक्के बना देता है. इससे धमनियों में रक्त का संचार थम जाता है. फलस्वरूप लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है. चूंकि आपके ब्रेन, हर्ट और अन्य अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता, पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई भी नहीं हो पाती. इसी वजह से लोगों की मौत हो जाती है.
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WhatsApp में लगातार घूम रहे इस मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि इस अध्ययन के बाद सिंगापुर के डॉक्टरों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते. साथ ही कहा गया है कि सिंगापुर में चिकित्सकों ने कोविड19 के मरीज की ऑटोप्सी की. इस दौरान उन्होंने पाया कि कोविड19 से मरने वाले शख्स के शरीर में ब्लड क्लॉट कर गया है. यानी उसकी धमनियों में खून के थक्के बन गये हैं, जिसकी वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हुई और मरीज की मौत हो गयी.
A message being forwarded on #WhatsApp claims that #COVID19 is a bacteria that can be cured with aspirin.#PIBFactCheck
▶️ This claim is #FAKE!
▶️ #COVID19 is a virus, not a bacteria
▶️ It can not be cured with anticoagulants like aspirin. pic.twitter.com/v1MCkh82AW
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 24, 2022
सोशल मैसेजिंग ऐप WhatsApp पर वायरल इस दावे में कोई दम नहीं है. यह फेक न्यूज है, जिसे सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा है. लोगों को कोविड19 पूर्ण रूप से एक वायरस है, जिसे एस्पिरिन से बिल्कुल भी ठीक नहीं किया जा सकता है. पीआईबी फैक्टचेक ने सोशल मीडिया में वायरल इस खबर की सच्चाई का पता लगाने के बाद यह जानकारी दी है.
Posted By: Mithilesh Jha