Omicron Variant News Today पहली बार 11 नवंबर को बोत्सवाना में पाए गए कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. पिछले हफ्ते से अब तक भारत में इस वेरिएंट के 20 से अधिक मामले मामले सामने आए हैं. जिसके बाद ओमिक्रॉन को लेकर भारत में दहशत का माहौल है. ऐसे में अब एक बार फिर से लॉकडाउन लगने का अंदेशा भी होने लगा है.
बता दें कि कोविड का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया के 38 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. वहीं, भारत में इसके मामले अब बढ़ने लगे हैं. इस वेरिएंट के तेजी से फैलने की मुख्य वजह इसका असामान्य तरीके से म्यूटेट होना है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इसके बहुत ज्यादा म्यूटेशन की वजह से री-इंफेक्शन भी हो सकता है. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार और दुनिया भर में कई देशों से इसके मामले सामने आने के बाद चिंतित वैज्ञानिक एक ऐसी लड़ाई को देख रहे हैं, जो महामारी का भविष्य तय करेगी. सवाल उठ रहे है कि क्या ओमिक्रॉन दुनिया में तबाही मचा चुके डेल्टा से आगे निकलेगा.
नए ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर जो चर्चा चल रही है, उनमें एक यह है कि क्या यह डेल्टा की तुलना में अधिक घातक और अधिक चिंताजनक होगा. जो अभी भी प्रमुख कोरोनावायरस संस्करण बना हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप दुनिया भर में 90 प्रतिशत से अधिक मामले सामने आए हैं. कुछ वैज्ञानिक, दक्षिण अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम के आंकड़ों पर प्रकाश डाल रहे हैं और यह सुझाव दे रहे हैं कि बहुत अच्छी तरह से मामला हो सकता है.
लोगों को संक्रमित करने और दक्षिण अफ्रीका में लगभग प्रभुत्व हासिल करने में ओमिक्रॉन की स्पीड ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंतित किया है कि देश एक नई लहर की शुरुआत में है. आगे चलकर इससे अस्पतालों पर बोझ बढ़ेगा. नया वेरिएंट तेजी से कम अवधि में दक्षिण अफ्रीका से शिफ्ट होकर दुनिया भर में फैलने लगा. नवंबर के मध्य में प्रति दिन औसतन 200 से कम नए मामले आ रहे थे. वहीं अब प्रति दिन सोलह हजार से अधिक मामले रिपोर्ट हो रहे है.
भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला मामला तंजानिया से आए एक व्यक्ति में पाया गया. इसके बाद जिन पांच लोगों में ओमिक्रॉन कंफर्म हुआ, उनमें प्रमुख रूप से गले में खराश, कमजोरी और बदन दर्द के लक्षण देखे गए. हालांकि, तीनों लक्षण बहुत हल्के थे. दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर ने ओमिक्रॉन के जो लक्षण चिन्हित किए, वे पहले के वेरिएंट से बिल्कुल अलग थे. कई मरीजों पर विश्लेषण करने के बाद पाया गया कि ओमिक्रॉन मरीजों में सामान्य सर्दी की परेशानी आम है जबकि और कोई भी लक्षण पहले के वायरस से नहीं मिलते हैं. केंद्र सरकार ने इससे बचाव के लिए विदेशी यात्रियों के लिए ट्रैवल गाइडलाइंस जारी की है.
वहीं, दुनिया को दहशत में डालने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर ब्रिटिश साइंटिस्ट ने बड़ा दावा कर दिया है. कहा गया है कि उनकी दवाई सोट्रोविमैब ओमिक्रॉन के हर म्यूटेशन के खिलाफ असरदार है और कारगर साबित हुई है. इस दवाई को ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) ने यूएस पार्टनर वीर (वीआईआर) बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर विकसित किया है.
इन सबके बीच, ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने संसद में स्वीकार किया है कि इंग्लैंड में ओमिक्रॉन वेरिएंट का कम्युनिस्टी स्प्रेड शुरू हो गया है. ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे में ओमिक्रॉन कोरोना वेरिएंट के 90 नए मामले सामने आए हैं, जिससे इसकी कुल संख्या बढ़कर 336 हो गई है. ब्रिटेन में इंग्लैंड में 64, स्कॉटलैंड में 23 और वेल्स में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 3 नए मामले सामने आए हैं. उत्तरी आयरलैंड में अभी तक ओमिक्रॉन के किसी भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है.
कोरोना का यह नया वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका के 8 प्रांतों में काफी तेजी से फैल रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अभी तक साफ नहीं है. ओमिक्रॉन दुनिया के अन्य हिस्सों में भी दक्षिण अफ्रीका की तरह ही असर दिखाएगा. डॉक्टर जैकब लेम्यू का कहना है कि इसके बर्ताव के संबंध में पहले ही संकेत मिल चुके हैं. ब्रिटेन जैसी जगहों पर जहां ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग होती है, उन्होंने कहा कि हम जो देख रहे हैं, वह डेल्टा पर ओमिक्रॉन की वृद्धि का संकेत लग रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह अमेरिका में भी काफी अनिश्चितताएं हैं.
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