सीरम इंस्टीट्यूट को सरकार ने बड़ा झटका दिया है. केंद्रीय दवा प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने बच्चों पर होने वाले वैक्सीन ट्रायल के लिए इन्हें अनुमति नहीं दी. केंद्रीय दवा प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने बुधवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ) को 2-17 आयुवर्ग के बच्चों पर कोविड-19 टीके ‘कोवावैक्स’ के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने के खिलाफ सिफारिश की है.
इस संबंध में सीरम इंस्टीट्यूट ने सोमवार को औषधि महानियंत्रक (DCGI) आवेदन करके 10 जगहों पर 920 बच्चों पर इस टीके के ट्रायल की इजाजत मांगी थी. इस आवेदन पर जब विचार-विमर्श के के लिए विशेषज्ञों की टीम बैठी, तो पाया कि इस वैक्सीन को किसी भी देश ने अबतक इजाजत नहीं दी है और इसमें कई कमियां हैं.
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इसके साथ ही विशेषज्ञों की समिति ने कई और अहम दस्तावेज की मांग भी की जो उन्हें इस आवेदन के साथ दिये जाने चाहिए थे. सीरम को इस वैक्सीन के साथ टीके के क्लीनिकल ट्रायल के सुरक्षा एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े पेश करने चाहिए जो नहीं थे. टीम ने यह कहते हुए इन्हें इजाजत देने से इनकार किया है कि किसी भी देश ने इसकी इजाजत नहीं दी है.
इस वैक्सीन को लेकर सीरम ने अगस्त 2020 में अमेरिकी टीका कंपनी नोवावैक्स इंक के साथ समझौता किया था. नोवावैक्स द्वारा तैयार की गई वैक्सीन को ही भारत में कोवावैक्स नाम दिया गया है.
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इस वैक्सीन को लेकर SII के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था वैक्सीन में 18 साल से कम आयु-वर्ग की भविष्य की हमारी पीढ़ियों की सुरक्षा करने की शानदार क्षमता है. इस साल सितंबर तक यह उपलब्ध होगी. कोवावैक्स की पहली खेप का उत्पादन एसआईआई की पुणे इकाई में चल रहा है.