CoWin Data Leaked : कोविड-19 से जुड़ा कोई डाटा नहीं हुआ लीक, मंत्रालय ने कहा- होगी जांच
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि को-विन पोर्टल से कोई डेटा लीक नहीं हुआ है. मंत्रालय ने कहा कि पोर्टल पर लोगों के बारे में पूरी जानकारी सुरक्षित है क्योंकि यह डिजिटल मंच किसी व्यक्ति का ना तो पता और ना ही कोविड-19 टीकाकरण के लिए आरटी-पीसीआर जांच के नतीजों को एकत्र करता है.
CoWIN Portal Data Leaked Online केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि को-विन पोर्टल से कोई डेटा लीक नहीं हुआ है. मंत्रालय ने कहा कि पोर्टल पर लोगों के बारे में पूरी जानकारी सुरक्षित है क्योंकि यह डिजिटल मंच किसी व्यक्ति का ना तो पता और ना ही कोविड-19 टीकाकरण के लिए आरटी-पीसीआर जांच के नतीजों को एकत्र करता है.
मंत्रालय ने बयान जारी कर किया खंडन
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मीडिया में आई कई खबरों में दावा किया गया है कि को-विन पोर्टल में एकत्रित डेटा ऑनलाइन लीक हो गया है. बयान में कहा गया है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि को-विन पोर्टल से कोई डेटा लीक नहीं हुआ है और लोगों पूरा डेटा इस डिजिटल मंच पर सुरक्षित है. साथ ही बयान में कहा गया है कि यह भी स्पष्ट किया जाता है कि प्रथम दृष्टया यह दावा सत्य नहीं है और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय खबरों की सच्चाई के बारे में पड़ताल करेगा क्योंकि को-विन लोगों का ना तो पता और ना ही कोविड-19 टीकाकरण के लिए आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे एकत्र करता है.
There have been several media reports claiming that the data stored in Co-WIN portal has been leaked online. It is clarified that no data has leaked from Co-WIN portal and the entire data of residents is safe and secure on this digital platform: Government of India pic.twitter.com/rOAhTrTW9m
— ANI (@ANI) January 21, 2022
डाटा एक सरकारी सर्वर से लीक होने की खबर
बता दें कि भारत में हजारों लोगों का व्यक्तिगत डाटा एक सरकारी सर्वर से लीक होने की खबर है. कहा गया है कि इसमें उनका नाम, मोबाइल नंबर, पता और कोविड टेस्ट परिणाम शामिल हैं. बताया जा रहा है कि इन सूचनाओं तक ऑनलाइन सर्च के जरिए पहुंचा जा सकता है. लीक हुए डाटा को रेड फोरम की वेबसाइट पर बिक्री के लिए रखा गया है, जहां एक साइबर अपराधी 20 हजार से अधिक लोगों के व्यक्तिगत डाटा होने का दावा कर रहा है. रेड फोरम पर डाले गए डाटा में लोगों का नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, तारीख और कोविड-19 रिपोर्ट को दिखाया गया है.
सामने आई ये बात
रेड फोरम पर साझा किए गए नमूना दस्तावेज से पता चलता है कि लीक डेटा कोविन पोर्टल पर अपलोड करने के लिए था. सरकार ने कोविड महामारी के बारे में जागरूकता पैदा करने और इसके टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में जागरूकता पैदा करने के मामले में डिजिटल तकनीकों पर बहुत अधिक भरोसा किया है. कई सरकारी विभाग लोगों को कोविड-19 संबंधित सेवाओं और सूचनाओं के लिए आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के लिए बाध्य करते हैं.