नई दिल्ली : पृथ्वी को साक्षात देवता भगवान सूर्य की आराधना के लिए पूरे देश में छठ व्रत की शुरुआत सोमवार को नहाय-खाय से ही हो गई है. इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले पांच दिनों तक आबोहवा ठीक नहीं रहेगी. दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा और यूपी में पराली जलाने की वजह से वायु प्रदूषण में इजाफा होगा और यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब और गंभीर श्रेणी के बीच ऊपर-नीचे होता रहेगा.
इस बीच, दिल्ली से सटे हरियाणा में कैथल जिले के डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि किसान यह मान चुके हैं कि पराली जलाने से सिर्फ वायु प्रदूषण होता है, लेकिन कुछ लोग जान-बूझकर माहौल खराब कर रहे हैं. इस घटना को लेकर हमने एफआईआर दर्ज की है. प्रशासन बिल्कुल सख़्त है. इसके साथ ही, हरियाणा के उप कृषि निदेशक डॉ कर्मचंद ने कहा कि कैथल में कृषि विभाग के अधिकारी ने खेत में जल रही पराली को बुझाया है. उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर हमारी टीम फील्ड पर उतरकर जांच कर रही है. जहां भी जलती पराली देखी जाती है, हम कोशिश करते है, उसे फौरन बुझाया जाए.
उधर, स्थिति का जायजा लेते हुए सीपीसीबी ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को सड़कों पर पानी के छिड़काव के साथ-साथ श्रेणीबद्ध कार्रवाई योजना (ग्रैप) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. संबंधित एजेंसियों को संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों एवं समितियों को रोजाना रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
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सीपीसीबी ने कहा कि उप-समिति ने आठ नवंबर को एक बैठक बुलाई थी और उसने वायु गुणवत्ता दर्जे, मौसम एवं वायु प्रदूषण अनुमान की समीक्षा की. उसने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुमान के अनुसार अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिमी हवा चलने की संभावना है, जिससे पराली जलाने पर बड़ी मात्रा में धूलकण आएंगे. इसके अलावा आने वाले दिनों में अनुकूल मौसम से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ एवं ‘गंभीर’ श्रेणी के आखिरी छोरों के बीच रह सकती है. उसने प्रशासन को सड़कों की यांत्रिक सफाई, पानी का छिड़काव बढ़ाने तथा यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि दिल्ली एनसीआर में ईंट के भट्ठे, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रैशर बंद किए जाएं.