केरल: पहले पीएम मोदी पापों के लिए माफी मांगें, पादरियों से मुलाकात के बाद CPI सांसद ने पीएम पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने सोमवार को केरल में विभिन्न चर्चों के शीर्ष पुजारियों से मुलाकात की थी. जिससे लोकसभा चुनावों से पहले दक्षिणी राज्य में ईसाई समुदाय तक पहुंचने के भाजपा के प्रयासों को बल मिला. वहीं सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि केरल में भाजपा की ईसाई पहुंच उनकी पार्टी के लिए चिंता का विषय नहीं है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने आज यानी मंगलवार को केरल में शीर्ष ईसाई पादरियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक को लेकर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल को सबसे पहले समुदाय से उनके द्वारा किए गए पापों के लिए माफी मांगनी चाहिए. बता दें कि एक टीवी डिबेट शो के दौरान सीपीआई नेता और राज्यसभा सदस्य बिनॉय विश्वम ने यह भी कहा कि केरल में भाजपा की ईसाई पहुंच उनकी पार्टी के लिए चिंता का विषय नहीं है.
पीएम ईसाई समुदाय से माफी मांगें
उन्होंने डिबेट में अपनी सहयोगी पैनलिस्ट मंत्री जॉन बारला को संबोधित करते हुए कहा कि. मैं मंत्री (बरला) से अनुरोध करता हूं कि वे ईसाई समुदाय और सभी अल्पसंख्यक समुदाय से माफी मांगें और जो कुछ भी वे कहें उन्हें बताएं प्रचार करना गलत था और उन्हें बताएं कि ईसाई धर्म के प्रति उनका मूल दृष्टिकोण पूरी तरह से गलत था. उन्होंने आगे कहा कि मैं मंत्री और पीएम मोदी से यह भी स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं कि गोलवलकर की किताब बंच ऑफ थॉट्स में समुदाय के खिलाफ निराधार आरोप और प्रचार किया गया था. उन्हें राष्ट्र को बताना चाहिए कि ये ईसाई-विरोधी दृष्टिकोण राष्ट्र-विरोधी और धर्मनिरपेक्ष-विरोधी थे और सभी कार्य भारत की एकता के खिलाफ थे.
ग्राहम स्टेन्स के परिवार से माफी मांगे पीएम
इससे पहले 18 अप्रैल को बारला ने कोच्चि में सीरो-मालाबार चर्च के प्रमुख आर्कबिशप मार जॉर्ज एलेनचेरी से मुलाकात की थी और कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में ईसाई ‘सुरक्षित’ हैं. विश्वम ने कहा कि सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह ग्राहम स्टेन्स के परिवार से माफी मांगे, जिन्हें 1999 में 22-23 जनवरी की दरमियानी रात को हिंदुत्व समूहों द्वारा उनके दो बेटों के साथ जलाकर मार डाला गया था, जब परिवार अपने स्टेशन वैगन में सो रहा था
पीएम मोदी ने की थी पादरियों से मुलाकात
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने सोमवार को केरल में विभिन्न चर्चों के शीर्ष पुजारियों से मुलाकात की थी. जिससे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले दक्षिणी राज्य में समुदाय तक पहुंचने के भाजपा के प्रयासों को बल मिला. पिछले महीने ईसाई बहुल नागालैंड और मेघालय सहित तीन पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा की जीत के बाद, पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि आने वाले समय में पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन केरल में भी सरकार बनाएगा, आपकी जानकारी के लिए केरल में एक बड़ी आबादी का हिस्सा ईसाई है.