मोहन भागवत पर जमकर बरसीं CPM नेता वृंदा करात, RSS चीफ के बयान को बताया आपत्तिजनक और संविधान विरोधी

सीपीएम नेता वृंदा करात ने इसी कड़ी में कहा कि देश में किसे कैसे रहना है क्या आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तय करेंगे. उन्होंने कहा कि भागवत और हिन्दू ब्रिगेड अगर नहीं पढ़े तो एक बार भारतीय संविधान जरूर पढ़ लें खासकर आर्टिकल 14 और 15.

By Pritish Sahay | January 11, 2023 5:24 PM
an image

कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बड़ी नेता वृंदा करात ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर बरसीं. न्यूज एजेंसी एएनआई पर आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, वृंदा करात ने कहा कि मोहन भागवत का बयान काफी विवादित, असंवैधानिक और उत्तेजित करने वाला है. उन्होंने कहा कि कोर्ट को उनके बयान पर स्वत: संज्ञान लेनी चाहिए. करात ने यह भी कहा कि भागवत के बयान से यही लगता है कि अब भारत में किस कैसे रहना है यह मोहन भागवत तय करेंगे. बता दें, मोहन भागवत के बयान का कई और लोगों ने भी विरोध किया है.

किसे रहना है क्या भागवत तय करेंगे- करात: सीपीएम नेता वृंदा करात ने इसी कड़ी में कहा कि देश में किसे कैसे रहना है क्या आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तय करेंगे. करात ने कहा कि उनके बयान से तो यही लगता है कि अब इस देश में किसे और कैसे रहना है इसे मोहन भागवत तय करेंगे. उन्होंने कहा कि भागवत और हिन्दू ब्रिगेड अगर नहीं पढ़े तो एक बार भारतीय संविधान जरूर पढ़ लें खासकर आर्टिकल 14 और 15.

आरएसएस प्रमुख ने क्या कहा था: एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें श्रेष्ठता की मानसिकता छोड़नी होगी. मुसलमानों को यह भावना से बाहर आना पड़ेगा कि एक बार हमने शासन किया है अब फिर से शासन करेंगे. भागवत ने कहा कि उन्हें इस भावना से बाहर आना होगा. भागवत ने कहा था कि इस्लाम को देश में कोई खतरा नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था कि हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सभी को साथ लेकर चलने की हमारी प्रवृत्ति है.

Also Read: Air India Urination Case: शंकर मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई, आरोपी के वकील ने दी यह दलील

गौरतलब है कि वृंदा करात के अलावा AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयान के लिए भागवत पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा भारत के भविष्य के लिए खतरा है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीय देश के असली आंतरिक शत्रुओं को जितनी जल्दी पहचान लें, उतना ही अच्छा होगा. ओवैसी ने यह भी कहा कि सभ्य समाज में कोई भी धर्म के आधार में समाज में नफरत और कट्टरता नहीं फैला सकता.

Exit mobile version