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पीएम मोदी और भाजपा को अलग-थलग करने और हराने के लिए अब बनेगा ‘व्यापक संभव मोर्चा’

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां पार्टी नेता एमवाई तारिगामी के आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन में सभी ‘लोकतांत्रिक ताकतों’ से अपने मतभेदों को अलग रखने और देश को बचाने के लिए आगे आने का आग्रह किया.

श्रीनगर: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘अलग-थलग करने और हराने’ के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों के सबसे ‘व्यापक संभव मोर्चा’ के गठन का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्राथमिकता संविधान को बचाने और लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की है.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां पार्टी नेता एमवाई तारिगामी के आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन में सभी ‘लोकतांत्रिक ताकतों’ से अपने मतभेदों को अलग रखने और देश को बचाने के लिए आगे आने का आग्रह किया. उन्होंने भाजपा पर चुनावी जीत की वैधता का इस्तेमाल संविधान के बुनियादी स्तंभों को पूरी तरह नष्ट करने के लिए करने का आरोप भी लगाया.

येचुरी ने कहा, ‘सर्वोच्च प्राथमिकता देश और संविधान को बचाना और लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है. ऐसा करने के लिए, भाजपा को सत्ता से हटाना जरूरी है. हमें भाजपा को अलग-थलग करने और हराने की जरूरत है. उसके लिए, आवश्यक है कि जब भी चुनाव आये, तो धर्मनिरपेक्ष ताकतों का एक व्यापक संभव मोर्चा हो.’

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उन्होंने कहा कि माकपा संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश करेगी, ताकि भाजपा को सत्ता से बाहर रखा जा सके, क्योंकि भाजपा इसका ‘दुरुपयोग’ देश के संविधान को नष्ट करने के लिए करती है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी लोकतांत्रिक ताकतों से अपील करते हैं कि हम अपने मतभेदों को एक तरफ रख दें. हम देश के लिए क्या चाहते हैं, इस पर चर्चा तभी कर सकते हैं, जब यह देश बचेगा. आगे आयें, यह भारत और उसके नागरिकों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’

माकपा नेता ने दावा किया कि देश ने भाजपा के शासन में अर्थव्यवस्था का ‘सबसे बुरा पतन’ देखा है. उन्होंने कहा, ‘बेरोजगारी सबसे ज्यादा है. हमारे 50 प्रतिशत से अधिक युवाओं ने नौकरियों की तलाश करना बंद कर दिया है, क्योंकि उन्हें ऐसा करने का कोई मतलब नहीं दिख रहा है. लोगों पर आर्थिक हमले हो रहे हैं, भूख है, बेरोजगारी है, मूल्य वृद्धि है. भारत दुनिया में हर सूचकांक पर नीचे है. इसका मतलब है कि भारत की स्थिति बहुत तेजी से गिर रही है.’

स्वीडन के वी-डेम इंस्टीट्यूट की पिछले साल की रिपोर्ट में भारत को ‘चुनावी तानाशाही’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया था. इसका जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि भाजपा चुनावी जीत की वैधता का इस्तेमाल संविधान के बुनियादी स्तंभों को पूरी तरह नष्ट करने के लिए कर रही है.

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उन्होंने कहा, ‘आज (देश में) यही हो रहा है. आप (भाजपा) चुनाव कैसे जीतते हैं, यह अलग बात है, लेकिन आप वैधता का उपयोग करते हैं और संविधान के मूल स्तंभों का पूर्ण विनाश होता है – चाहे वह धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र हो, सामाजिक न्याय हो, संघवाद हो और आर्थिक संप्रभुता हो.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘देश में कुछ भी नहीं बचा है, जो बेचा नहीं जा रहा है. और मुनाफा कुछ लोगों को जाता है. हर कोई जानता है कि वे कौन हैं. यहां तक ​​​​कि खेत भी उन्हें सौंपे जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनावी बॉन्ड के जरिये ‘राजनीतिक भ्रष्टाचार को वैध’ करार दिया है.

उन्होंने कहा, ‘चुनावी बॉन्ड के खिलाफ एक याचिका उच्चतम न्यायालय में पिछले तीन साल से लंबित है. भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से अरबों रुपये कमाये हैं और वे उस पैसे का चुनाव में इस्तेमाल करते हैं. तो, बराबरी का मौका कहां है? आप समान अवसर और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा को पूरी तरह से विकृत करते हैं.’

माकपा नेता ने कहा कि इस परिदृश्य में, यह महत्वपूर्ण है कि देश और संविधान को बचाने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियां एकजुट हों. येचुरी ने कहा कि भाजपा देश की संस्थाओं को कमजोर कर रही है, जो देश के लिए घातक है. 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने पर, येचुरी ने अफसोस जताया कि केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली माकपा सहित विभिन्न याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई नहीं हो रही है.

6-10 अप्रैल तक केरल में माकपा की अखिल भारतीय कांग्रेस

उन्होंने कहा कि माकपा का मानना ​​है कि जम्मू-कश्मीर देश का एक हिस्सा है, लेकिन जिन वादों और आश्वासनों के आधार पर वह भारत में शामिल हुआ, उन पर ‘शत प्रतिशत क्रियान्वयन’ होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘आप (सरकार) जो असंतोष और अलगाव की भावना उत्पन्न कर रहे हैं, वह हमारे देश के हित में नहीं है. इसे ठीक करने की जरूरत है.’ येचुरी ने कहा कि माकपा ने 6-10 अप्रैल तक केरल में अपनी अखिल भारतीय कांग्रेस आयोजित करने का फैसला किया है.

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