गुजरात सीएम की रेस में सीआर पाटील, मनसुख मंडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला, नितिन पटेल व गोरधन जडफिया सबसे आगे
Gujarat CM Vijay Rupani Resigns: सीआर पाटील सबसे मजबूत दावेदार हैं. सूरत के नवसारी के लोकसभा सीट से करीब 7 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने वाले चंद्रकांत रघुनाथ पाटील प्रदेश के कद्दावर नेता हैं.
गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य और भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने किला गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद नये सीएम के चयन के लिए विधायक दल की बैठक बुलायी गयी है. बताया जा रहा है कि गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया, नितिन पटेल और गोरधन जडफिया के नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सीआर पाटील सबसे मजबूत दावेदार हैं. सूरत के नवसारी के लोकसभा सीट से करीब 7 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने वाले चंद्रकांत रघुनाथ पाटील प्रदेश के कद्दावर नेता हैं. संगठन में उनकी मजबूत पकड़ है. गुजरात के स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि सीआर पाटील चुनाव के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा प्रचार भी नहीं करते.
लोकल जर्नलिस्ट्स बताते हैं कि सीआर पाटील चुनाव के दौरान सिर्फ दो बार अपने संसदीय क्षेत्र में जाते हैं. एक दिन वह अपना नामांकन दाखिल करने जाते हैं. उसी दिन रोड शो और जनसभा को संबोधित करते हैं. दूसरी बार वह मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाते हैं. पत्रकार यह भी बताते हैं कि सीआर पाटील अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार पांच साल तक काम करते हैं.
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इसलिए वह कहते हैं कि पांच साल तक उन्होंने जो काम किया है, उसके आधार पर जनता उनका मूल्यांकन करे और उन्हें वोट दे. सीआर पाटील को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बेहद करीबी बताया जाता है. इसलिए उनकी दावेदारी काफी मजबूत मानी जाती है.
सीएम की रेस में गोरधन जडफिया का भी है नाम
सीआर पाटील के अलावा केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया और गुजरात के उप-मुख्यमंत्री मंत्री नितिन पटेल एवं नरेंद्र मोदी से नाराजगी मोल लेकर एक बार पार्टी छोड़ चुके गोरधन जडफिया का नाम भी गुजरात के संभावित नये मुख्यमंत्री के तौर पर चल रहा है. पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया को हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिली है.
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पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताये जाते हैं. वहीं, गोरधन जडफिया ने एक बार नरेंद्र मोदी से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी थी. बाद में वह पार्टी में लौटे. उन्हें उत्तर प्रदेश चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी गयी थी. तब उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया था. हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी से नाराजगी का खामियाजा उन्हें आज भी भुगतना पड़ रहा है. गुजरात में उन्हें अब तक कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है.
Posted By: Mithilesh Jha