Crimes Against Women: असम में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने पेश की रिपोर्ट, कहा- हिंसा कतई बर्दाश्त
Crimes Against Women: कोलकाता डॉक्टर दुष्कर्म मर्डर केस को लेकर देशभर में गुस्सा है और महिला सुरक्षा की मांग फिर से उठने लगी है. इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने महिला के खिलाफ अपराध को लेकर डेटा पेश किया और कहा, असम में महिलाओं के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं.
Crimes Against Women: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया में एक डेटा पेश किया और बताया कि असम में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में गिरावट आई है. उन्होंने एक्स पर लिखा, दुष्कर्म की हर एक घटना की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए, क्योंकि यह मानवीय गरिमा का गंभीर उल्लंघन है और समाज से इस जघन्य अपराध को खत्म करने की दिशा में काम करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. यह चार्ट सभी के लिए, विशेष रूप से हमारी महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और अधिक न्यायपूर्ण वातावरण बनाने के हमारे निरंतर प्रयासों और प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
2024 में अबतक केवल 580 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए
हिमंत बिस्वा सरमा ने जो डेटा पेश किया है, उसके अनुसार 2024 के जुलाई महीने तक कुल 580 मामले दर्ज हुए है. डेटा के अनुसार 2022 के बाद मामले में भारी गिरावट आई है. डेटा के अनुसार 2019 में सबसे अधिक 3546 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए थे. जबकि 2020 में इसमें भारी गिरावट आई और 1657 मामले दर्ज हुए. 2021 में बढ़कर 1733 हो गए. लेकिन 2022 में फिर से गिरकर केवल 1113 मामले हो गए. 2023 में केवल 989 मामले दुष्कर्म के सामने आए.
असम में महिलाओं के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पहले ही कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने में उनकी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है. उन्होंने बताया था कि जब असम में (दुष्कर्म जैसी) कोई घटना होती है, तो पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है. कोई समझौता नहीं किया जाता. जब महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात आती है, तो हमारी नीति कतई बर्दाश्त नहीं करने की होती है.
लोगों के मन में एक डर होना चाहिए
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, उग्रवादी या आतंकी हमलों में पहले से जानकारी हो सकती है. लेकिन दुष्कर्म जैसे मामलों में कोई खुफिया जानकारी उपलब्ध नहीं होती. जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो हमें कठोर कार्रवाई करनी पड़ती है ताकि दूसरों को डर हो कि अगर उन्होंने ऐसा कुछ करने की कोशिश की तो उन्हें भी कानून का सामना करना पड़ेगा.