मध्य प्रदेश के दंगा प्रभावित खरगोन में शुक्रवार को लोगों को जरूरी सामान खरीदने की सुविधा प्रदान करने के लिए कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई. इस बीच मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है. उन्होंने भाजपा पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि जब कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ना पड़ा था तो कश्मीरी मुसलमानों पर ‘मूक दर्शक’ होने का आरोप लगा था. वर्तमान की घटनाओं पर भारत के ‘बहुसंख्यक समुदाय’ की चुप्पी भी आपराधिक है.
मध्य प्रदेश में ‘अवैध’ घरों को तोड़ा जाना विवाद का विषय बन गया है क्योंकि विपक्ष शिवराज सिंह सरकार पर अल्पसंख्यक समुदाय को प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहा है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिस प्रतिशोध के साथ भाजपा भारत के संविधान को तोड़ रही है, वह अब अल्पसंख्यकों के घरों तक पहुंच चुकी है. भाजपा नेता मुसलमानों से सब कुछ छीनने में एक-दूसरे से आगे निकलने का प्रयास कर रहे हैं, चाहे वह उनका घर हो या आजीविका और सम्मान हो.
As Kashmiri muslims we are often accused of being silent spectators while Kashmiri Pandits were forced to flee. But the criminal silence of the majority community in today’s India while BJP wrecks the very idea of India is deeply worrying & problematic.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 15, 2022
इधर दंगा प्रभावित खरगोन में शुक्रवार को लोगों को आवश्यक सामान खरीदने की सुविधा प्रदान करने के लिए कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई. खरगोन की जिलाधिकारी अनुग्रह पी ने कहा कि रामनवमी समारोह के दौरान शहर में दंगे भड़कने के बाद रविवार शाम को लगाये गये कर्फ्यू में शुक्रवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक ढील दी गई. उन्होंने कहा कि हालांकि ढील की अवधि में लोगों को वाहनों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गई जिससे लोगों ने आस पास की दुकानों से खरीददारी की.
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यहां चर्चा कर दें कि रविवार को खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद आगजनी और हिंसा की घटनाएं हुई थी. हिंसा के दौरान पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को पैर में गोली लगी थी. चौधरी के अवकाश पर होने के कारण काशवानी को कार्यवाहक एसपी नियुक्त किया गया है.