Crop Production: के अनुमान की सटीकता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रिमोट सेंसिंग का होगा प्रयोग

कृषि उत्पादन संबंधी आकलन काे बेहतर बनाने और कृषि संबंधी डेटा को सटीक बनाने के लिए तकनीक के उपयोग पर जोर दिया. कृषि उत्पादन संबंधी आकलन को बेहतर बनाने के लिए इस साल पेश बजट में डिजिटल क्रॉप सर्वे की घोषणा की गयी है.

By Vinay Tiwari | August 22, 2024 6:26 PM
an image

Crop Production: देश में कृषि क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों को सटीक बनाने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. इस बाबत केंद्र और राज्यों के अधिकारियों ने कृषि से जुड़े आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की. कृषि से संबंधित नीति बनाने, कृषि व्यापार से जुड़े फैसले लेने और कृषि संबंधी योजना बनाने में आंकड़ों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में हुई एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यों के कृषि विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. 

किन मुद्दों पर हुई चर्चा

सेमिनार में कृषि उत्पादन संबंधी आकलन काे बेहतर बनाने और कृषि संबंधी डेटा को सटीक बनाने के लिए तकनीक के उपयोग पर जोर दिया. कृषि उत्पादन संबंधी आकलन को बेहतर बनाने के लिए इस साल पेश बजट में डिजिटल क्रॉप सर्वे की घोषणा की गयी है. इस सर्वे से किस जमीन के टुकड़े पर कितना उत्पादन होगा, इसका सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा. देश में सभी फसलों के उत्पादन का अनुमान लगाने के लिए डिजिटल जनरल क्राॅप एस्टीमेशन सर्वे का काम शुरू किया गया है. इन कोशिशों से खेतों से सीधे उत्पादन का अनुमान लगाया जा सकेगा. सेमिनार में डेटा को सटीक बनाने के लिए रिमोट सेंसिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जियोस्पेशियल एनालिसिस जैसी तकनीक अपनाने पर जोर दिया गया. मंत्रालय की ओर से फसल(फॉरकास्टिंग एग्रीकल्चर आउटपुट यूजिंग स्पेस, एग्रो-मेट्रोलॉजी एंड लैंड बेस्ड ऑब्जरवेशन) का प्रयोग किया जा रहा है. यह तकनीक 10 प्रमुख फसलों के क्राॅप मैन और बुवाई के क्षेत्र की सटीक जानकारी मुहैया कराती है. उत्पादन के सटीक आकलन के लिए स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, इंडियन स्टैटिक्स इंस्टीट्यूट, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ, इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसी संस्थाओं के साथ समझौता किया गया है. 

Exit mobile version