Cruise drug case : ड्रग मामले में समीर वानखेड़े ने किया अपने पद का दुरुपयोग, जानें क्या कहती रिपोर्ट
आर्यन खान को दो अक्टूबर 2021 को मुंबई तट के पास कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था. आर्यन करीब एक महीने जेल में रहे थे. हालांकि, पिछले साल एनसीबी ने आर्यन को तब आधिकारिक रूप से दोषमुक्त कर दिया था, जब एजेंसी की एक विशेष जांच टीम ने नए सिरे से छापेमारी की.
नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी एवं स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को बंबई हाईकोर्ट से गिरफ्तारी जैसी कठोर कार्रवाई से 22 मई तक राहत तो मिल गई है, लेकिन मुंबई क्रूज-ड्रग मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट में पद के दुरुपयोग का खुलासा किया गया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की भूमिका की जांच के लिए गठित एसआईटी ने उनके द्वारा सेवा नियमों के कई कथित उल्लंघन पाए हैं, जिसमें विदेश यात्रा पर किए गए खर्च और लग्जरी घड़ियों में लेनदेन की गलत जानकारी देना शामिल है.
वानखेड़े आर्यन खान
एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने ही बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े मादक पदार्थ मामले में शुरुआती जांच की थी. एसआईटी की जांच के निष्कर्षों को अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिकॉर्ड में ले लिया है. आर्यन खान को दो अक्टूबर 2021 को मुंबई तट के पास कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था. आर्यन करीब एक महीने जेल में रहे थे. हालांकि, पिछले साल एनसीबी ने आर्यन को तब आधिकारिक रूप से दोषमुक्त कर दिया था, जब एजेंसी की एक विशेष जांच टीम ने नए सिरे से छापेमारी की और कहा कि उसके खिलाफ गलत काम करने का कोई सबूत नहीं है.
समीर वानखेड़े मामले में दो अनिमितताएं
एसआईटी ने पिछले साल केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में 2008 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े (44) और उनकी टीम के खिलाफ मुख्य रूप से दो मामलों में अनियमितताएं पाईं हैं. इसमें केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) के नियमों का उल्लंघन और क्रूज में मादक पदार्थों के पाए जाने के सिलसिले में छापेमारी की प्रक्रिया में कथित अनियमितताएं शामिल हैं.
वानखेड़े ने आरोपों का किया खंडन
हालांकि, समीर वानखेड़े ने इन आरोपों का खंडन किया है और सीबीआई की प्राथमिकी को रद्द करने के लिए सीएटी और हाल ही में बंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वानखेड़े का कहना है कि एसआईटी प्रमुख एवं एनसीबी के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह एक न्यायाधीश की तरह आचरण कर रहे थे, क्योंकि वह मामले के दौरान उनके रिपोर्टिंग बॉस थे.
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22 मई तक कठोर कार्रवाई पर रोक
उधर, बंबई हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी एवं स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी जैसी कोई कठोर कार्रवाई 22 मई तक नहीं करने का शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया. वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने शाहरूख के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज कॉर्डेलिया से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में नहीं फंसाने के लिए अभिनेता से रिश्वत मांगी थी.