निजी Crypto में निवेश की सफलता की कोई गारंटी नहीं, वित्त सचिव बोले- नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है.
Cryptocurrency in India भारत में क्रिप्टो करेंसी पर वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बुधवार को बड़ी बात कही है. वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है. उन्होंने कहा कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसमें निवेश से आपको नुकसान हो सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है.
डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने आगे कहा कि डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा, जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पैसा आरबीआई (RBI) का होगा, लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी. टीवी सोमनाथन ने कहा कि आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा. बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे.
Digital currency will be backed by RBI which will never be default. Money will be of RBI but the nature will be digital. Digital rupee issued by RBI will be a legal tender. Rest all aren't legal tender,will not,will never become legal tender:Finance Secy TV Somanathan
(File pic) pic.twitter.com/Cko0e4753X
— ANI (@ANI) February 2, 2022
बिटकॉइन, एथेरियम या एनएफटी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेंगे
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि बिटकॉइन, एथेरियम या एनएफटी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेंगे. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो संपत्तियां ऐसी संपत्तियां हैं जिनका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाएगा. आप सोना, हीरा, क्रिप्टो खरीद सकते हैं, लेकिन उसके पास सरकार द्वारा मूल्य प्राधिकरण नहीं होगा.
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर देना होगा 30 फीसदी टैक्स
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर अब 30 फीसदी टैक्स लगाए जाने की घोषणा की है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1 फीसदी का टीडीएस भी लगेगा. वित्त मंत्री ने साफ किया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा, जबकि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा.
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