सीएसआईआर पिछले 75 वर्षों में भारत की अविश्वसनीय वैज्ञानिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है. उक्त बातें केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही.
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर का प्लेटिनम जयंती समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गये आजादी का अमृत महोत्सव के साथ एक ही समय में होने जा रहा है. यह अगले 25 वर्षों के लिए सर्तकता के साथ यह बोध कराने की योजना बनाने का भी अवसर है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत के समावेशी विकास के लिए मुख्य विषय हैं.
75 वर्षों से राष्ट्रसेवा में समर्पित वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने 4 जनवरी को अपनी स्थापना के प्लेटिनम जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय प्लेटिनम जयंती समारोह का आयोजन किया.
इस तीन दिवसीय प्लेटिनम जयंती समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और पीएमओए कार्मिक लोक शिकायत पेंशन परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस पावन अवसर पर मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया.
इस मौके पर डॉ जितेंद्र सिंह ने ऊर्जा सक्षम प्रकाश प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला में एलईडी फोटोमेट्री लेबोरेटरी राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने स्कूली छात्रों की विज्ञान प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और प्रदर्शित थीम व और विषयों पर उनके साथ बातचीत की.
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी एसएंडटी के सभी छह विभागों और स्वायत्त संस्थानों ने टीके और जीनोम अनुक्रमण और अन्य प्रोटोकॉल के विकास के लिए अनुसंधान के माध्यम से कोविड 19 के खिलाफ जंग में बहुत बड़ा योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि पहला डीएनए वैक्सीन परीक्षण जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया गया था और इसने फिर से ओमिक्रोन वायरस के लिए भी मोर्चा संभाला है.