Loading election data...

झट जांच-पट रिपोर्ट: कोरोना टेस्ट के लिए NEERI ने विकसित की सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के तहत NEERI के वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेश में विकसित इस सेलाइन गार्गल (नमक के घोल से गरारा) आरटी-पीसीआर तकनीक का उपयोग कोविड-19 नमूनों की जांच के लिए किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2021 9:57 PM

पूरी दुनिया को हिला देने वाले कोरोना महामारी के दौरान भारत के वैज्ञानिकों ने कई अभूतपूर्व काम किये. टीका बनाने से लेकर टेस्टिंग तक में अभिनव प्रयोग हुए. अब नागपुर स्थित नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) ने कोरोना जांच में होने वाले कष्ट से निजात दिलाने की दिशा में बड़ी पहल की है. वैज्ञानिकों ने सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तकनीक विकसित कर ली है. इस तकनीक को केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) को ट्रांसफर कर दिया गया है.

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के तहत NEERI के वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेश में विकसित इस सेलाइन गार्गल (नमक के घोल से गरारा) आरटी-पीसीआर तकनीक का उपयोग कोविड-19 नमूनों की जांच के लिए किया जायेगा. सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर टेस्ट सरल, त्वरित, सस्ती, रोगी के अनुकूल और आरामदायक है.

यह जांच परिणाम भी तुरंत उपलब्ध कराती है और न्यूनतम जरूरतों के हिसाब से सुदूर ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को तुरंत टेस्ट और तुरंत जांच का लाभ मिल सकेगा. अब इन्हें आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के लिए शहरी इलाकों के महंगे अस्पतालों या सरकारी अस्पतालों में लंबी-लंबी लाइन नहीं लगानी होगी.

Also Read: कोरोना से जंग: भारत में टेस्टिंग से ज्यादा वैक्सीनेशन, अब तक 73.06 करोड़ लोगों का हुआ टीकाकरण
इको फ्रेंडली भी होगा सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर टेस्ट

इको फ्रेंडली इस कोरोना टेस्ट टेस्ट तकनीक के बारे में सीएसआईआर-नीरी ने कहा है कि संस्थान द्वारा विकसित नवोन्मेषण समाज की सेवा के लिए ‘राष्ट्र को समर्पित’ किया गया है. यह नवोन्मेषण निजी, सरकारी और विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं और विभागों सहित सभी सक्षम पार्टियों को इसके व्यवसायीकरण और लाइसेंस लेने में समर्थ बनायेगा.

लाइसेंस मिलने के बाद संबंधित पक्ष आसानी से प्रयोग करने योग्य कॉम्पैक्ट किट के रूप में व्यावसायिक उत्पादन के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करेंगे. महामारी की व्याप्त स्थिति तथा कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सीएसआईआर-नीरी ने देश भर में इसके व्यापक प्रसार के लिए संभावित लाइसेंसधारियों को जानकारी हस्तांतरण करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.

सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर: ग्रामीण क्षेत्रों में होगा मददगार

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर टेस्ट को पूरे देश में, खासकर संसाधन की दृष्टि से निम्न ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में शुरू करना जरूरी है. इसका परिणाम त्वरित और अधिक नागरिक-अनुकूल जांच के रूप में आयेगा तथा महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को और सुदृढ़ करेगा. एमएसएमई इकाई ने सीएसआईआर-नीरी द्वारा विकसित सेलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर प्रौद्योगिकी के व्यवसायीकरण के लिए सीएसआईआर-नीरी से संपर्क किया था.

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Next Article

Exit mobile version