नयी दिल्ली : कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक सोमवार को हंगामेदार रही. बैठक में सोनिया गांधी को पत्र लिखे जाने का मुद्दा हावी रहा. वरिष्ठ नेताओं के पत्र से सोनिया और राहुल गांधी खासा नाराज नजर आये. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश भी कर दी थी. हालांकि बाद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ नेताओं ने आग्रह किया कि वो अपने पद पर बने रहें. इधर सूत्रों के हवाले से खबर है कि सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती.
बैठक में अंबिका सोनी ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों के खिलाफ पार्टी संविधान के तहत कार्रवाई की जा सकती है. दूसरी ओर बैठक में गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने सीमा में रहकर ही चिंताएं व्यक्त की अगर फिर भी किसी को लगता है कि हमने अनुशासन भंग किया है तो कार्रवाई की जा सकती है.
पार्टी नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं ने CWC में कहा – संगठन की बेहतरी के लिए कुछ चिंताएं थीं, उन्हें बताने के लिए पत्र लिखा था. उन्होंने कहा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास रखें.
गौरतलब है कि राहुल गांधी भी पत्र लिखने को लेकर खासा नाराज नजर आये. पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया.
खबर तो ये भी आयी कि राहुल गांधी ने पत्र लिखने वाले नेताओं पर आरोप लगाया कि उनका भाजपा से सांठगांठ है. इस बात को लेकर कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद नाराज हो गये. सिब्बल ने तो राहुल पर भड़कते हुए ट्वीट किया और उन्हें पूराने दिनों की याद भी करा दी, हालांकि बाद में उन्हें खबर मिली कि राहुल ने ऐसा बयान नहीं दिया था, तो उन्होंने अपना ट्वीट वापस ले लिया और सफाई भी दी. दूसरी ओर गुलाम नबी आजाद ने तो इस्तीफे की धमकी भी दे दी. बाद में मामला शांत हुआ.
Posted By – Arbind Kumar Mishra