सनातन धर्म विवाद में नहीं पड़ेगी कांग्रेस! जानें सीडब्ल्यूसी की बैठक में क्या बोले राहुल गांधी
सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं. जानें सीडब्ल्यूसी की बैठक में क्या हुआ.
सनातन धर्म मामले पर लगातार राजनीतिक बयान आ रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस अब इस विवाद को लेकर सर्तक हो गई है. दरअसल, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेताओं की टिप्पणियों से बढ़ते विवाद के बीच, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शनिवार को इस विषय पर सावधानी भरा रुख अपनाने की सलाह दी है. बीजेपी के एजेंडे में नहीं फंसने की अपील उन्होंने की है.
सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए. हमें इसमें नहीं फंसना चाहिए.
राहुल गांधी ने क्या कहा
सूत्रों ने बताया कि कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी को गरीबों के मुद्दे उठाने की जरूरत है, चाहे वे किसी भी जाति के हों. वहीं सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान, छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह दोनों ने कहा कि सनातन धर्म विवाद पर बोलने से पार्टी को नुकसान होगा. मामले में बयानबाजी से बीजेपी को लाभ पहुंच सकता है.
Also Read: MP Election 2023: ज्योतिरादित्य सिंधिया के निशाने पर राहुल गांधी! कहा- चुनाव से पहले किया था वादा लेकिन…कांग्रेस की एक ब्रीफिंग में इस विषय पर पूछे जाने पर वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है और कांग्रेस इस विवाद में नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘सर्वधर्म समभाव’ में विश्वास करती है.
महिला आरक्षण और जातिगत जनगणना की पैरवी की
कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की पहल को वैचारिक और चुनावी सफलता दिलाने का शनिवार को संकल्प लिया. साथ ही उसने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो तथा लोगों को एक पारदर्शी, जवाबदेह और जिम्मेदार केंद्र सरकार मिले. पार्टी ने सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही शनिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि 18 सितंबर से आरंभ हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए.
जातिगत जनगणना की मांग
कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई है और कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा को बढ़ाया जाए. हैदराबाद के एक फाइव स्टार होटल में सीडब्ल्यूसी की कई घंटे तक चली बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है और भारतीय जनता पार्टी आग में घी डालने का काम कर रही है.
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बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. कार्य समिति की बैठक से पहले खरगे ने पार्टी का ध्वज फहराया. कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में बीजेपी पर ध्रुवीकरण और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया गया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस कार्य समिति विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की निरंतर एकजुटता का तहे दिल से स्वागत करती है, जिससे बीजेपी और ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी बौखलाए हुए हैं.
भाषा इनपुट के साथ