Cyber Crime : यदि आपके पास भी फास्टैग रिचार्ज को लेकर मैसेज आता है या इस संबंध में मदद के लिए अप गूगल पर सर्च करते हैं तो ये खबर आपके काम की है. जी हां…खबर उत्तराखंड की है जो चर्चा का केंद्र बनी हुई है. खबरों की मानें तो फास्टैग रिचार्ज में मदद करने के बहाने एक अज्ञात शख्स ने 72 वर्षीय एक व्यक्ति से कथित तौर पर 99,500 रुपये ठग लिये. पुलिस की ओर से इस बाबत जानकारी दी गयी है. पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता विश्व मोहन बहुगुणा ने कहा कि जब वह एक लोकप्रिय ई-कॉमर्स ऐप से ऑनलाइन खरीदारी के लिए भुगतान करने का प्रयास कर रहे थे तो उनके खाते से धोखाधड़ी से पैसे ट्रांसफर कर लिये गये.
मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर संपूर्णानंद गैरोला ने इस बाबत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि घटना के एक दिन पहले बहुगुणा ने आरोपी से बात करके अपने मोबाइल में ‘फास्टैग सपोर्ट’ नाम का एक ऐप डाउनलोड किया था, जिसने खुद को कंपनी का कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताया था.
गैरोला ने कहा कि बहुगुणा को फास्टैग कंपनी के कस्टमर केयर नंबर सर्च करने के दौरान Google पर एक नंबर मिला. आरोपी ने उसे अपने केवाईसी विवरण अपडेट करने और ऐप डाउनलोड करने का आग्रह किया. उसके निर्देशों का पालन करते हुए, पीड़ित ने ऐप डाउनलोड किया जिसके बाद उसका मोबाइल फोन हैंग कर गया. मोबाइल लगभग 30 मिनट तक हैंग रहा उसके बार ठीक हुआ. बहुगुणा ने सोचा कि यह कुछ तकनीकी गड़बड़ी है.
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि अगले दिन जब वह अपने डेबिट कार्ड का विवरण डालकर ई-कॉमर्स ऐप पर भुगतान कर रहा था, तो मोबाइल फोन फिर से बंद हो गया. लेन-देन के लिए उन्हें कोई ओटीपी नहीं मिला, लेकिन 10 मिनट बाद जब मोबाइल ने फिर से काम करना शुरू किया, तो उन्हें पता चला कि उनके खाते से कुल 99,500 रुपये के तीन ट्रांजेक्शन हुए हैं. पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है. आरोपी को पकड़ने का प्रयास जारी है.
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इसी प्रकार का एक मामला कारोबारी नगरी मुंबई से सामने आया है. खबरों की मानें तो बांद्रा के एक बिल्डर मोहन वाधवा से एक ई-कॉलर ने नये तरीके से 47,002 रुपये की ठगी की गयी है. जब मोहन वाधवा को एक टेलीकॉलर का फोन आया जिसने कहा कि वे उसके वाहन ऋण की समान मासिक किस्त (ईएमआई) का भुगतान करने में मदद कर सकते हैं. चालू माह के रूप में उसका बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया था. इसके बाद उनसे धोखाधड़ी हुई.