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Cyber Criminals: साइबर अपराधियों का ‘डिजिटल अरेस्ट’ जाल, बुजुर्ग से 10 करोड़ की धोखाधड़ी

Cyber Criminals: ठगों ने बुजुर्ग को बताया कि उनके नाम से एक पार्सल ताइवान से भेजा गया है जिसमें प्रतिबंधित दवाएं पाई गई हैं.

Cyber Criminals: राजधानी दिल्ली में एक साइबर अपराध के मामले में अपराधियों ने 72 वर्षीय रिटायर्ड इंजीनियर को “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली. ठगों ने बुजुर्ग को बताया कि उनके नाम से एक पार्सल ताइवान से भेजा गया है जिसमें प्रतिबंधित दवाएं पाई गई हैं. इसके बाद ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और बुजुर्ग से स्काइप पर वीडियो कॉल करने को कहा. कॉल पर उन्हें डराकर परिवार के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली और उनके बेटे-बेटी को फंसाने की धमकी देकर अलग-अलग बैंक खातों में 10.30 करोड़ रुपये जमा करवाए. 

पुलिस की जांच में पता चला कि बुजुर्ग के पास यह कॉल कंबोडिया से आया था. ठगी के इस मामले में अपराधियों ने करीब 1500 बैंक खातों का इस्तेमाल किया, जिनमें से 60 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि ठगों के निर्देश पर उन्होंने खुद को 8 घंटे के लिए एक कमरे में बंद कर लिया. बाद में संदेह होने पर उन्होंने लैपटॉप बंद कर दिया और बाहर आकर परिजनों को घटना की जानकारी दी. इसके बाद, उन्होंने 1 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

जांच में खुलासा हुआ कि ठगों ने इस रूपयों को सात अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाया और फिर अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर किया. पीड़ित का बेटा दुबई में और बेटी सिंगापुर में रहते हैं. रिटायर्ड इंजीनियर, जिन्होंने 1972 में रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की थी, फिलहाल वह दिल्ली रोहिणी में अपनी पत्नी के साथ रह रहे हैं. पुलिस ने इस मामले को लेकर चेतावनी दी है कि ऐसे किसी भी फोन कॉल पर तुरंत पुलिस को सूचित करें और संदिग्ध लिंक या ऐप्स डाउनलोड करने से बचें.

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