Cyber Fraud: हैदराबाद में करोड़ों के ट्रांजेक्शन का बड़ा खुलासा, फिशिंग अटैक से उड़ाए गए अकाउंट से पैसे
Cyber Fraud: हैदराबाद की पुलिस ने बुधवार को करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन का बड़ा खुलासा किया है. हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 जनवरी 2022 को महेश को ऑपरेटिव बैंक के मैंनेजर ने बैंक से 12. 48 करोड़ रुपए के हैकिंग की शिकायत दर्ज कराई थी.
Cyber Fraud: हैदराबाद की पुलिस ने बुधवार को करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन का बड़ा खुलासा किया है. हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 जनवरी 2022 को महेश को ऑपरेटिव बैंक के मैंनेजर ने बैंक से 12. 48 करोड़ रुपए के हैकिंग की शिकायत दर्ज कराई थी. जांच में जानकारी मिली कि हैकर किसी दूसरे देश का है. सीवी आनंद ने बताया कि हैकर ने नवंबर 2021 में महेश बैंक के कर्मचारियों को 200 फिशिंग मेल भेजी थी.
मेल क्लिक करते ही हैकर सिस्टम से हो गया कनेक्ट
पुलिस आयुक्त ने आगे बताया कि 2 कर्मचारी ने उस मेल को क्लिक किया, जिससे हैकर उनके सिस्टम से कनेक्ट हो गया. इसके बाद सिस्टम में होने वाली हर गतिविधी की जानकारी हैकर के पास थी. उन्होंने बताया कि हर शहरों में हैकर के हैंडलर्स होते हैं. इन हैंडलर्स ने नवंबर में 7 लोगों के द्वारा महेश बैंक में अकाउंट खुलवाया. सीवी आनंद ने कहा कि 7 में से 4 अकाउंट में पैसे भेजे गए. इसके बाद इन पैसों को देश के विभिन्न 115 अकाउंट में ट्रांसफर किया गया. इसके बाद और 398 अकाउंट में पैसे भेजकर उन्हें एटीएम से निकाला गया. उन्होंने कहा कि 2 महीने से हमारे सभी अधिकारी देशभर में घूमे और यह जानकारी जुटाई गई है.
देश में तेजी से बढ़ रहे हैं ऑनलाइन ठगी के मामले
बता दें कि देश एक ओर जहां डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. वहीं दूसरी ओर ठगों का एक बड़ा समूह भी इस प्लेटफॉर्म के जरिए ही भोली-भाली जनता को ठगने में व्यस्त है. देश में तेजी से ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ रहे हैं. देश को ऑनलाइन ठगी से बचाने के लिए सरकार लगातार ऐसे ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और लोगों को जागरूक कर रही है.
क्या है फिशिंग
इंटरनेट के जरिए धोखाधड़ी करना फिशिंग कहलाता है. फिशिंग के तहत लोगों की निजी और गोपनीय जानकारी जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड नंबर, नेट बैंकिंग पासवर्ड और पर्सनल डिटेल्स चुराई जाती है. जिसके बाद लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं और डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर दी जाती है. फिशिंग में लिप्ट अपराधी सोशल इंजीनियरिंग के साथ-साथ टेक्निकल छल का इस्तेमाल करते हैं. फिशिंग करने वाले ठग लोगों के मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर फर्जी वेबसाइट का लिंक भेजते हैं और उस पर क्लिक करने के लिए लालच देते हैं. लिंक पर क्लिक करते ही लोग एक फर्जी वेबसाइट पर चले जाते हैं जो दिखने में बिल्कुल असली वेबसाइट जैसी होती है. लिंक पर जाने के बाद लोगों से निजी और गोपनीय जानकारी जैसे पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर आदि को अपडेट करने के लिए कहा जाता है.