Cyber Security:साइबर खतरे से निपटने के लिये बनेगा साइबर कमांडो दस्ता

साइबर खतरे की चुनौती से निपटने के लिए साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी) मंगलवार से काम करना शुरू कर देगा. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) में स्थापित इस केंद्र में मुख्य बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

By Anjani Kumar Singh | September 9, 2024 7:17 PM
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Cyber Security:देश में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराध से सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गया है. इस चुनौती से निपटने के लिए साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी) मंगलवार से काम करना शुरू कर देगा.  भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) में स्थापित इस केंद्र में  मुख्य बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है. ये सभी ऑनलाइन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और बेहतर समन्वय के साथ मिलकर काम करेंगे. यह केंद्र सहकारी संघवाद का एक उदाहरण पेश करेगा. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार को I4C के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करेंगे और साइबर अपराध से सुरक्षा के लिए नयी पहलों को लांच करेंगे. 

साइबर कमांडो का बनेगा दस्ता


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समन्वय प्लेटफॉर्म (संयुक्त साइबर अपराध जांच सुविधा प्रणाली) शुरू करेंगे. यह समन्वय प्लेटफॉर्म एक वेब-आधारित मॉड्यूल है जो साइबर अपराध के डेटा संग्रह, डेटा साझाकरण, अपराध की मैपिंग, डेटा विश्लेषण, सहयोग और देश भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय के तौर पर काम करेगा. गृह मंत्री ‘साइबर कमांडो’ कार्यक्रम का भी उद्घाटन करेंगे.  देश में साइबर सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस बल में प्रशिक्षित ‘साइबर कमांडो’ की एक विशेष शाखा स्थापित की जाएगी. प्रशिक्षित साइबर कमांडो डिजिटल स्पेस को सुरक्षित करने में एजेंसियों की मदद करेंगे. इसके अलावा सस्पेक्ट रजिस्ट्री भी शुरू होगा जो वित्तीय तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के आधार पर विभिन्न पहचानकर्ताओं की एक संदिग्ध रजिस्ट्री बनाने का काम करेगा.  

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