Mocha Cyclone Alert: बांग्लादेश और म्यांमा के तटीय इलाकों में चक्रवात मोचा का कहर बरपना शुरु हो गया है. रविवार को चक्रवात मोचा बांग्लादेश और म्यांमा से टकराना शुरू कर दिया है. टकराने से पहले तूफान तीव्रतम होकर श्रेणी पांच के चक्रवात जैसा हो गया था. इधर, चक्रवात मोचा के कारण भारी बारिश हो रही है. बारिश के अलावा 195 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल रही हैं. संभावना जाहिर की जा रही है कि तूफान के कारण बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ आ सकती है.
कॉक्स बाजार जिले में हो सकता तूफान का जबरदस्त असर: मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवात कॉक्स बाजार से 250 किलोमीटर दूर है और अब तट को पार कर रहा है. वहीं, मोसम विभाग का अनुमान है कि तूफान बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले को प्रभावित कर सकता है. बता दें यहां करीब दस लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं. बुलेटिन के अनुसार पूर्वानुमान था कि यह रविवार दोपहर को भारी बारिश और हवाओं के साथ दस्तक देगा, लेकिन हवा के कारण सामान्य से आठ से 12 फुट ऊपर की लहरे उठने से कॉक्स बाजार और चटगांव के निचले इलाकों में पानी भर सकता है.
श्रेणी पांच का तूफान बना मोचा: बीडीन्यूज24.कॉम की खबर के मुताबिक सामान्य से पांच से सात फुट ऊंची लहरें उठने से फेनी, नोआखली, लक्ष्मपुर, चांदपुर और भोला के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘मोखा’ लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में आये सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक है. श्रेणी चार का चक्रवात श्रेणी-पांच तूफान के बराबर तीव्र हो गया है.
प्रभावित इलाके के लोगों के सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया: तूफान को प्रचंडता देखते हुए करीब 5 लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. तूफान से निपटने की तैयारी के तौर पर बांग्लादेश ने प्रभावित क्षेत्र के पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कई टन सूखे खाद्य पदार्थ की व्यवस्था की है और रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैयार रखा है.
बाढ़ का मंडरा रहा खतरा: आशंका जताई जा रही है कि मोचा तूफान के कारण ऊंची लहरें उठ सकती हैं जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा सकता है. साथ ही भूस्खलन भी हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात बांग्लादेश और म्यांमा के तटों के आसपास भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनेगा. हालांकि, बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मोहम्मद अज़ीज-उर-रहमान ने कहा कि बांग्लादेश के लिए खतरा कम हो गया है. उन्होंने कहा कि म्यांमा और उसके दक्षिणी क्षेत्र के लिए खतरा ज्यादा हो सकता है.
पश्चिम बंगाल के दो जिलों में हाई अलर्ट: मोचा चक्रवात के गंभीर रूप धारण करने और रविवार को बांग्लादेश तथा म्यांमा के तटीय इलाकों से टकराने की संभावना को देखते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के तटीय इलाकों में आपदा मोचन बल के कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. अधिकारी ने कहा कि गोताखोरों सहित एनडीआरएफ कर्मियों के सात समूहों को पूर्व मेदिनीपुर जिले में दीघा-मंदारमणि तटीय इलाकों में तैनात किया गया है, क्योंकि समुद्र में तेज लहरें उठ रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन समूह के 100 से अधिक कर्मियों को दक्षिण 24 परगना जिले के बक्खली समुद्र तट पर तैनात किया गया है, ताकि पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके. स्थानीय लोगों को समुद्र के पास जाने से मना किया जा रहा है.