17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Cyclone Mocha: कैसे और क्यों रखा जाता है चक्रवातों का नाम, मोचा को ऐसे करें ट्रैक

Cyclone Mocha updates आईएमडी ने कहा गहरे दबाव का क्षेत्र उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा. बाद में, धीरे-धीरे 11 मई को यह प्रचंड चक्रवाती तूफान में और 12 मई को दक्षिण पूर्व एवं उससे लगे मध्य बंगाल की खाड़ी के क्षेत्रों में अति प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा.

चक्रवात मोचा के कारण अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश की आशंका जतायी जा रही है. चक्रवाती तूफान पर करीब से नजर रख रहे आईएमडी ने कहा कि इसके रविवार को बांग्लादेश में कॉक्स बाजार और म्यांमा में क्यॉकप्यू के बीच दस्तक देने का अनुमान है.

12 मई को बंगाली की खाड़ी से टकरायेगा मोचा

आईएमडी ने कहा, 12 मई को, यह मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और आसपास के क्षेत्रों में एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. गहरे दबाव का क्षेत्र उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा. बाद में, धीरे-धीरे 11 मई को यह प्रचंड चक्रवाती तूफान में और 12 मई को दक्षिण पूर्व एवं उससे लगे मध्य बंगाल की खाड़ी के क्षेत्रों में अति प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा. इसके बाद इसके धीरे-धीरे 13 मई तक कमजोर होने की संभावना है.

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में भारी बारिश की आशंका, चेतावनी जारी

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती परिसंचरण तंत्र बनने के मद्देनजर चेतावनी और सार्वजनिक परामर्श जारी किये हैं. अंडमान निकोबार के तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को 13 मई तक समुद्री क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है. चक्रवाती तूफान मोचा के कारण अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में 12 मई तक भारी बारिश हो सकती है.

Also Read: Cyclone Mocha Tracker: चक्रवात ‘मोचा’ मचाएगा तबाही! बिहार-झारखंड सहित इन राज्यों में होगी बारिश

चक्रवात मोचा को ऐसे करें ट्रैक

चक्रवात मोचा के बारे में जानकारी प्राप्त करने का विश्वसनीय और प्रामाणिक स्रोत है आईएमडी. चक्रवात के बारे में जानकारी आईएमडी के वेबसाइट पर लिया जा सकता है. वेबसाइट पर चक्रवाती विक्षोभ की ट्रैकिंग, हवा की चेतावनी, तूफ़ान बढ़ने की चेतावनी उपलब्ध है. आईएमडी के ट्विटर पेज को भी फॉलो किया जा सकता है.

कैसे और क्यों रखा जाता है चक्रवातों का नाम

विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, मौसम के पूर्वानुमानकर्ता भ्रम से बचने के लिए प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को एक नाम देते हैं. सामान्य तौर पर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार किया जाता है. हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 2004 में चक्रवातों के नामकरण के लिए एक सूत्र पर सहमति बनी थी. इस क्षेत्र के आठ देशों बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमा, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड सभी ने कुछ नाम दिए थे, ऐसे में जब भी कोई चक्रवाती तूफान विकसित होता है, तो उसे क्रमिक रूप से एक नाम दिया जाता है.

मछुआरों के एक छोटे से गांव पर आधारित है चक्रवात मोचा का नाम

चक्रवात को ऐसा नाम दिया जाता है, जो याद रखने और उच्चारण में आसान हो. आपत्तिजनक या विवादास्पद नाम नहीं रखे जाते. इन नामों को विभिन्न भाषाओं से भी चुना जाता है ताकि विभिन्न क्षेत्रों के लोग उन्हें पहचान सकें. उदाहरण के लिए चक्रवात मोचा का नाम यमन की ओर से प्रस्तावित नामों में से एक है, जो यमन में कॉफी उत्पादन के लिए मशहूर मछुआरों के एक छोटे से गांव पर आधारित है.

अगले चक्रवात का नाम होगा बिपरजॉय

अगला च्रकवात का नाम बिपरजॉय होगा. जिसका सुझाव बांग्लादेश ने दिया है. हाल के वर्षों में, आईएमडी ने नामों की सूची में सांस्कृतिक महत्व के नामों को शामिल करना शुरू कर दिया है. उदाहरण के लिए ‘अम्फन’ नाम, जिसका अर्थ थाई भाषा में आकाश होता है. 2020 में पश्चिम बंगाल में आए एक चक्रवात को यह नाम दिया गया था. नामकरण प्रणाली समय के साथ विकसित हुई है. शुरुआती वर्षों में, नामों को वर्णानुक्रम के अनुसार चुना जाता था, वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर के आधार पर एक नाम रखा जाता था. हालांकि इस प्रणाली से भ्रम पैदा होता था और नाम याद रखने में कठिनाई होती थी. इसलिए पूर्व-निर्धारित नामों की वर्तमान प्रणाली शुरू की गई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें