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चीफ इंजीनियर ने बताई आपबीती
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कप्तान ने किया चेतावनी को नजरअंदाज
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कहा- भयावह मंजर का वो
अरब सागर में ताउते तूफान की चपेट में आकर ओएनजीसी की बार्ज पी-305 (Barge P305) डूब गई, जहाज पर सवार 273 लोग में से अभी भी 50 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. वहीं, बजरे पर ही मौजूद एक इंजीनियर ने हादसे को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर कप्तान ने तूफान की चेतावनी को गंभीरता से लिया होता और लाइफ राफ्ट में छेद न होता तो कई लोगों की जान बच सकती थी.
कप्तान पर लापरवाही का आरोपः वहीं, हादसे के समय जहाज पर मौजूद चीफ इंजीनियर रहमान शेख ने जहाज के कप्तान पर कई गंभीर आरोप लगाएहैं. उन्होंने कहा कि अगर जहाज के कप्तान ने ताउते तूफान की चेतावनी को गंभीरता से लिया होता तो यह हादसा नहीं होता. जहाज में मौजूद सभी लोगों की जान बच सकती थी.
अंग्रेसी अखबार, द इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत चीफ इंजीनियर रहमान शेख ने बताया, हमें पहले ही तूफान आने की चेतावनी मिल गई थी, जिसके बाद वहां मौजूद कई और शिप हार्बल लौट गई. रहमान शेख ने कहा कि इस बारे में उन्होंने कैप्टन को आगाह किया, लेकिन कैप्टन बलविंदर सिंह का कहना था कि, हवा 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा तेजी से नहीं बहेगी. और एक दो घंटे में चक्रवात मुंबई के ऊपर से गुजर जाएगा.
गलत निकला कैप्टन का आकलनः चीफ इंजीनियर रहमान शेख ने कहा है कैप्टन के आकलन से इतर हवा की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा थी. तेज हवा के कारण बार्ज के 5 एंकर टूट गए. बता दें कि, बार्ज में इंजन नहीं था, उसे उसे टग बोट के जरिए लाया ले जाया जाता था. हादसे के समय टगबोट को इमरजेंसी सिग्नल भेजा था. इस दौरान, कुछ नौसेना के जहाज भी दिखे, लेकिन कोई कुछ कर पाता इससे पहले बार्ज ऑयल रिग से टकरा गया.
रिग से टकराने के बाद बार्ज में एक बड़ा छेद हो गया. लाइफ राफ्ट सिर्फ दो ही ठीक थे. जबकि 14 पंचर थी. वहीं, पानी में उंची उंची लहरे उठ रही थी और हवा भी काफी तेज चल रहा था ऐसे में स्टारबोट की ओर जाने का किसी को ख्याल भी नहीं आया.
Posted by: Pritish Sahay