14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Cyclone Tracker: यागी या बेबनिका तूफान, किसने मचाई ज्यादा तबाही, कैसे बनते हैं साइक्लोन

Cyclone Tracker: अकेले चीन में इस साल 13 ताकतवर तूफान आए. सितंबर के महीने में ही दो शक्तिशाली तूफान यागी और बेबनिका ने चीन में दस्तक दी. दोनों तूफानों ने जमकर तबाही मचाई. ऐसे में सवाल है कि यागी और बेबनिका तूफान में कौन ज्यादा खतरनाक तूफान है.

Cyclone Tracker: भारत समेत दुनिया के तटीय इलाकों में हमेशा तूफान की आशंका बनी रहती है. समुद्र में उठने वाले तूफान से राज्यों में अच्छी खासी तबाही मचती है. अलग-अलग जगहों में इन चक्रवाती तूफानों को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है. कहीं पर उन्हें साइक्लोन कहा जाता है तो कहीं हरिकेन या टाइफून. हालांकि तीनों चक्रवाती तूफान के रूप हैं. उनके बीच का अंतर इस बात पर निर्भर करता है कि वो कहां बनते हैं. अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को आम तौर पर तूफान कहा जाता है. वहीं, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात को टाइफून कहा जाता है. जबकि, हिंद महासागर और ऑस्ट्रेलिया के पास उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को चक्रवात कहा जाता है. फिलहाल चीन, वियतनाम, फिलीपींस के आसपास मौसमी हलचल तेज है. यागी तूफान फिर इसके बाद बेबनिका की दस्तक से तबाही मची है.

यागी या बेबनिका तूफान में कौन है ज्यादा खतरनाक
यागी तूफान
बीते दिनों यागी तूफान ने दक्षिण चीन समेत कई और देशों में भयंकर तबाही मचाई थी. इसका असर भारत के तटीय राज्यों में भी दिखा. यागी तूफान के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. यागी एक तरह का टाइफून था जो चीन के समुद्र तट से टकराने के बाद भयंकर तबाही मचाता आगे बढ़ गया था. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि सुपर टाइफून यागी ने भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ दक्षिण चीन में तबाही मचाई. तूफान के कारण पेड़ उखड़ गए, बिजली गुल हो गई और सड़कें जलमग्न हो गईं. शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 15 लाख से अधिक प्रभावित घरों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए 2,200 से ज्यादा कर्मचारियों को लगाना पड़ा. तूफान के कारण रेल सेवा और विमान सेवा भी प्रभावित हुई. आधिकारिक मीडिया के मुताबिक हैनान में 12 हजार से ज्यादा बेस स्टेशनों को तूफान से नुकसान पहुंचा था.

यागी तूफान के कारण प्रभावित क्षेत्रों से 10 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है. 100 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया. तूफान इतना तेज था कि काफी संख्या में पेड़ उखड़ गये. वाहन पलटे हुए नजर आए. हैनान मौसम विज्ञान सेवा के मुताबिक यागी जिसके केंद्र बिंदु के पास लगभग 245 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं. साल 1949 से 2023 तक 106 टाइफून हैनान में आए, लेकिन केवल नौ टाइफून को ही सुपर टाइफून के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया. इनमें से एक यागी भी था.

बीते 75 साल का सबसे ताकतवर तूफान बेबिनका
चीन में आस पास के देशों में यागी के बाद बेबनिका तूफान की दस्तक हुई. बेबिनका तूफान बीते 75 साल में शहर में आया सबसे ताकतवर तूफान है. इस तूफान के कारण जनजीवन ठप हो गया. शंघाई की केंद्रीय मौसम विज्ञान वेधशाला ने बताया कि तूफान 42 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चली. बेबनिका यह इस साल चीन में आया 13वां तूफान है. बेबिनका के कारण शंघाई में विमान सेवाएं रद्द कर दी गयी हैं. शंघाई रेलवे स्टेशन ने रविवार से सोमवार तक शहर से गुजरने वाले कई मार्गों पर यात्री ट्रेन निलंबित करने की घोषणा कर दी.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार (15 सितंबर) तक 2.5 करोड़ की आबादी वाले इस विशाल शहर से 4 लाख से ज्यादा लोगों को अन्य स्थानों पर ले जाया गया.

बेबनिका के कारण उड़ानें रद्द, जमकर मची तबाही
बेबनिका तूफान के कारण रविवार को शंघाई के होंगकिआओ और पुडोंग हवाई अड्डों से प्रस्तावित सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं. 600 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हुईं. पुलों और राजमार्गों पर यातायात आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा. 75 साल में आए इस सबसे बड़े तूफान से निपटने के लिए चीनी सरकार ने कई उपाय किए. उड़ानें रद्द की, राजमार्ग और रेल सेवाओं को बंद कर दिया गया.

क्या होता है साइक्लोन, कैसे होता है इनका निर्माण
साल 2024 में ही चीन अब तक 13 खतरनाक तूफानों को झेल चुका है. इसी तरह भारत समेत दुनियाभर के देशों के तटीय इलाके हमेशा चक्रवाती तूफानों से दो चार होते रहते हैं. समुद्र के ऊपर हवा होती है. नियम कहता है कि हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. नियम यह भी है कि जब हवा गर्म होती है तो हल्की होकर ऊपर उठने लगती है. ऐसे में जब समुद्र का पानी गर्म होता है, तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म होकर ऊपर उठती है. इस कारण पूरे इलाके में एक निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है. ऐसे में यहां एक गैप बन जाता है. और आस पास की मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इसी ओर आने लगती है. वहीं धरती के अपने एक्सिस र घूमने के कारण यह ठंडी हवा चक्कर लगाती हुई निम्न दाब वाले क्षेत्र की ओर आती है. ऐसे में ही चक्रवात का निर्माण होता है.

Also Read: दिल्ली की गद्दी मिलने पर आतिशी का पहला बयान- मैं उदास हूं, केजरीवाल को वापस सीएम बनाऊंगी

Delhi New CM : सीएम चुने जाने पर आतिशी ने बधाई देने से किया मना, देखें वीडियो

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें