जम्मू में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने गुरुवार को कहा कि कुछ चीनी कट्टरपंथी मुझे अलगाववादी मानते हैं. इसलिए मेरी आलोचना करते हैं. अब अधिक से अधिक चीनी यह महसूस कर रहे हैं कि दलाई लामा स्वतंत्रता की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि चीन के भीतर सार्थक स्वायत्तता और तिब्बती बौद्ध संस्कृति को संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं. दरअसल दलाई लामा अपने दो दिवसीय दौरे पर जम्मू और लद्दाख पहुंचे हैं, जहां वे अपने उनुयायियों से मुलाकात करेंगे. बताते चले कि दलाई लामा के लद्दाख दौरे पर चीन ने आपत्ती जताई थी.
Not Chinese people, but some Chinese hardliners consider me a separatist. Now, more & more Chinese are realising that Dalai Lama not seeking independence but within China meaningful autonomy & to preserve Tibetan Buddhist culture: Tibetan spiritual leader Dalai Lama in Jammu pic.twitter.com/KLiOgYgrgb
— ANI (@ANI) July 14, 2022
तिब्बती नेता की पिछले दो सालों में धर्मशाला के बाहर पहली यात्रा है. ऐसी आशंका है कि चीन की खीज और बढ़ सकती है क्योंकि यह यात्रा पूर्वी लद्दाख में टकराव के कई स्थलों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लंबे समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच हो रही है. वहीं, हाल में ही प्रधानमंत्री मोदी ने दलाई लामा के जन्मदिन पर बधाई दी थी, जिसकी चीन आलोचना कर चुका है.
पीएम मोदी द्वारा बधाई देने पर चीन की आलोचना को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि सरकार की नीति दलाई लामा को हमेशा देश के सम्मानित अतिथि के रूप में देखने की रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में कहा, दलाई लामा भारत में सम्मानित अतिथि और धार्मिक नेता हैं जिन्हें धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों को करने के लिये उचित शिष्टाचार एवं स्वतंत्रता प्रदान की गई है. इनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. उन्होंने कहा कि दलाई लामा का जन्मदिन भारत और दुनियाभर में उनके अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है. दलाई लामा के अनुयायियों ने धर्मशाला में उनका जन्मदिन मनाया था जहां दलाई लामा निर्वासन में रहते हैं.
मोदी की शुभकामनाओं पर एक सवाल को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि भारतीय पक्ष को दलाई लामा के चीन विरोधी अलगाववादी स्वभाव को पूरी तरह से पहचानना चाहिए. झाओ ने कहा कि भारत को चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए तिब्बत से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए. झाओ ने दलाई लामा को बधाई देने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भी आलोचना की थी.
(इनपुट- भाषा)